नीतीश कुमार ने बैंकों के बहाने नोटबंदी पर किया सवाल-पूछा ,परेशान हुई जनता लेकिन उसे मिला क्या ?
सिटीपोस्टलाईव:आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के चार साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नोट्बंदी और बैंकों के बहाने केंद्र सरकार पर ऐसे निशाना साधा कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की 64वीं बैठक में कहा कि वो नोटबंदी के समर्थक रहे हैं .लेकिन नोटबंदी का लाभ लोगो को मिलने के बजाय उन्हें फजीहत झेलनी पडी .उन्होंने सवाल किया-नोट्बंदी से लोग इतने परेशान हुए,लेकिन उन्हें बदले में क्या मिला ? नोटबंदी के दौरान बैंकों में लोगो ने कहां-कहां से पैसा जमा कराया था और बैंकों ने कैसे-कैसे खेल किए ?
मुख्यमंत्री ने बैंकों के बहाने ही सही ये साफ कह दिया कि नोटबंदी का लाभ जितना मिलना चाहिये उतना नहीं मिल पाया.उन्होंने कहा सिर्फ जमा, निकासी और कर्ज देना बैंकों का कार्य नहीं है. बैंकों की देश की प्रगति में बैंकों की बड़ी भूमिका है. सामाजिक सुधार, देश के विकास में बैंकों की भूमिका है. इसके लिए बैंकों के ब्रांचों की संख्या और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. बैंकिंग संस्थान को और मजबूत करने की जरूरत है.
फिर आगे भी मुख्यमंत्री ने बैंकों के बहाने केंद्र सरकार की बैंकिंग नीतियों पर सवाल किया .उन्होंने कहा कि बैंकों के बड़े-बड़े घोटाले के कई मामले प्रकाश में आए हैं ? बड़े लोगो को हजारों करोड़ कर्ज दे दिया जाता है और गरीब लोगों को लोन नहीं मिल पाता. बड़े-बड़े लोग कैसे लोन ले ले रहे हैं ? लोन लेने के बाद वे देश छोड़ कर कैसे भाग जा रहे हैं ? गरीब लोगों के लिए बैंको ने लंबा प्रोसेस रखा है. बैंक छोटे-छोटे लोग से कर्ज वसूली में कड़ाई करते हैं. लेकिन, जो बड़े-बड़े लोग कर्ज लेकर देश से फरार हो जाते हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती ?
एक तरफ बैंकों के बहाने नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा वहीँ उन्होंने ईशारे ईशारे अपनी सरकार की विशेषता भी बता दी.उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सरकार प्रशासनिक गड़बड़ी होने पर तत्काल कार्रवाई करती है.
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