City Post Live
NEWS 24x7

नीतीश जी अबहियो तीर से गरीब जनता के हत्या करे में लागल बाड़न : राबड़ी

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

नीतीश जी अबहियो तीर से गरीब जनता के हत्या करे में लागल बाड़न : राबड़ी

सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव का मंगलवार को तीसरा चरण समाप्त हो गया. लेकिन सियासी गर्माहट दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है. जिसकी बानगी इस बात से लगा सकते हैं कि हमेशा शांत रहने वाली बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी चुनाव को लेकर पूरे एक्टिव मोड में दिख रही हैं. ये अलग है कि अब वे ज्यादा चुनावी सभाओं को संबोधित नहीं करती क्योंकि इन सभी कामों का जिम्मा तेजस्वी यादव उठा रखे हैं. लेकिन जनता को मैसेज और विपक्ष पर हमले का मौका बिल्कुल नहीं छोड़ रही हैं. एक बार फिर राबड़ी देवी ने ट्वीटर के जरिए सीएम नीतीश पर उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें वे हमेशा लालटेन की जरूरत खत्म होने की बात कहते हैं.

पिछले दिनों जिस तरह से भोजपुरी में उन्होंने ट्वीट कर पीएम को घेरा था ठीक उसी तरह इस बार नीतीश पर हमला किया है. राबड़ी देवी ने अपने ट्वीट में लिखा, नीतीश जी भाषण मे बोलत बाड़न की लालटेन के जमाना चल गईल. उ नईखन जानत की लालटेन विकास और उजाला के प्रतीक बा. दिवाली में जवन घर में लालटेन और दिया जलेला वही घर में सुख-शांति होखेला. उनकर तीर के जमाना कबे समाप्त हो गईल बाकी अबहियौ तीर से गरीब जनता के हत्या करे में लागल बाड़न.

इसके बाद राबड़ी देवी ने एक और ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा,  नीतीश जी, लालटेन रोशनी और प्रकाश के प्रतीक बा! तीर के जमाना कबे समाप्त हो गईल अब मिसाइल का ज़माना बा! ई तीर से कमल के चीर के सुखावतरण ओर भाजपा से पुराना बदला चुकवतारा ! ई तीरवा कमल के चीर के सुखावतारण और भाजपा से पुराना बदला चुकावनतारन. दुनों से बिहार के जनता उब गईल बा.

बता दें कि आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव रांची के होटवार जेल में बंद हैं. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति पार्टी पर भारी पड़ रही है. हाल में राबड़ी देवी ने ट्वीट कर पति की हत्या की आशंका भी जाहिर की थी. इतना ही नहीं पीएम पर भी भोजपुरी में ही निशाना साधा था. लिखा था कि हरदम तोता के तरह राष्ट्र के रट लगईले बा बाकी केहू के रोजी रोजगार के अवसर नईखे कईले। एकरा से केहू के विकास नईखे भईल। केतना गरीब आपन बच्चा के अनाज के अभाव में पानी पिला के सुतावाता। केतना लईका रोजगार के अभाव में तथा केतना गरीब किसान मजदूर आत्महत्या कर लेलस।ई गरीब की आह बेकार ना जाई.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.