विशेष राज्य के राज्य की मांग से पीछने हटने को तैयार नहीं हैं नीतीश कुमार
विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे, बोले नीतीश कुमार
सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अमित शाह के साथ मीटिंग तो कर ली है लेकिन अभी भी बीजेपी-जेडीयू के बीच खींचतान जारी है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार फिर से दोहरा कर ये साबित कर दिया है कि अभी भी जेडीयू का बीजेपी के ऊपर दबाव बनाए जाने का सिलसिला ख़त्म नहीं हुआ है.मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वीं वित्तीय आयोग द्वारा दर्जा नहीं दिये जाने से यह मांग ख़त्म नहीं हो जाती. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों मिलना चाहिए ? ये सवाल बार-बार आता है. मेरा मानना है कि हर मायने में बिहार पिछड़ा है, प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी बिहार निचले पायदान पर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार हर साल प्राकृतिक आपदाएं झेलता है. ऐसे में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना तर्क संगत है. सरकार और सर्वदलीय बैठक के बाद यह मांग रखी जा रही है, जिस पर बिहार की जनता और सभी दल एकमत हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की सभी पार्टियों ने बिहार के विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग आगे रखेंगे क्योंकि इसके पीछे उनके तर्क हैं. गौरतलब है कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने एनडीए से समर्थन वापस ले लिया था.
नीतीश ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी इस मुद्दे पर समय मांगा था लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया. बिहार की जरूरत का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि हमारा राज्य लगातार आपदाओं से जूझता रहता है इसलिए हमें यह दर्जा मिलना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मसले पर गंभीरता से विचार होना चाहिए. जाहिर जेडीयू आगे चलकर कभी भी इस मामले को बड़ा मुद्दा बना सकती है और विशेष परिस्थिति में चंद्रबाबू नायडू की तरह अपनी राह भी अलग कर सकती है.
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