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NIT मणिपुर में बिहार-यूपी के छात्रों की जान सांसत में, मुख्यमंत्री से लगाईं सुरक्षा की गुहार

हिन्दीभाषी छात्रों को दी रही है धमकी- ‘यहां से चले जाओ, नहीं तो जान से मार देंगे, दहशत में हैं छात्र ’

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के छात्रों को लगातार दूसरे राज्यों में निशाना बनाया जा रहा है. एकबार फिर एनआइटी, मणिपुर में पढनेवाले बिहार और दूसरे हिंदी भाषी प्रदेशों के छात्रों  को  एनआइटी कैंपस छोड़ कर जाने के लिए कहा गया है. एनआइटी मणिपुर में बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्रों को कैंपस छोड़कर नहीं जाने पर स्थानीय दबंगों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है. रविवार को दर्जनों की संख्या में स्थानीय लड़कों ने एनआइटी निदेशक सहित प्रशासनिक भवन में ताला जड़ कर बाहरी लोगों को कैंपस खाली करने की धमकी दे दी है.

हॉस्टल में तालाबंदी के दौरान कैंपस में तैनात सीआरपीएफ के जवानों से झड़प भी हुई. स्थानीय छात्रों और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद हॉस्टल में ताला लगाने में सफल नहीं हुए. घटना के बाद से दूसरे राज्यों के छात्र दशहत में हैं. कैंपस के आसपास पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं. छात्रों का कहना है कि पिछले चार दिनों से उन्हें धमकी दी जा रही है. उन्होंने पुलिस में शिकायत की है लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अभीतक कुछ ख़ास नहीं किया गया है. चार दिनों से एक भी छात्र डर से कैंपस से बाहर नहीं निकले है. हिंदी भाषी छात्रों के लिए हॉस्टल जेल बन गया है. गौरतलब है कि एनआइटी में पढ़ने वाले लगभग 1000 छात्रों में 600 से अधिक दूसरे प्रदेश के रहने वाले हैं.

यह पहला मौका नहीं है जब मणिपुर में बिहारी छात्रों को धमकी दी गई है. पहले भी वहां छात्रों की पिटाई हो चुकी है. पिछले साल छात्रों की पिटाई के मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मणिपुर के मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत की थी. उन्होंने बिहारी छात्रों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार के मामले में  उचित कानूनी कार्रवाई करने की अपील की थी.

दूसरे राज्यों के छात्रों ने भी सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. पिछले साल अक्टूबर में सुरक्षा और अन्य मामलों को लेकर बाहरी छात्र कैंपस छोड़कर चले गए थे. मुख्यमंत्री के आग्रह पर सभी छात्र दोबारा कैंपस लौटे थे. मुख्यमंत्री स्वयं कैंपस पहुंचकर सुरक्षा-व्यवस्था दुरुस्त करने का भरोसा दिया था. बाउंड्री की हाइट पांच फीट से बढ़ाने की सहमति बनी थी. छात्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद कुछ दिन स्थिति बेहतर रही. उसके बाद स्थानीय दबंगों और संगठनों का आतंक फिर शुरू हो गया.

एनआइटी में दूसरे राज्यों के फैकल्टी को भी कैंपस खाली करने की धमकी स्थानीय छात्र संगठन ने दिया है. संस्थान में 22 पदों के लिए साक्षात्कार कोलकाता में लिया जा रहा है. इसका विरोध ज्वाइंट कमेटी ऑन इनर लाइन परमीट सिस्टम कर रहा है. साक्षात्कार मणिपुर में नहीं कराने पर कैंपस खाली कराने की धमकी दिया है. निदेशक सहित सभी पदों पर छात्रसंगठन स्थानीय लोगों को रखने की मांग कर रहा है. जाहिर है मणिपुर एनआइटी में आतंक और भय का माहौल कायम है. छात्र और शिक्षक दोनों भयभीत हैं और अपनी सुरक्षा और नौकरी को लेकर चिंतित हैं.

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