सिटी पोस्ट लाईव : बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में चार साल 10 माह 12 दिन के बाद आज शुक्रवार को एनआईए कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है. 7 जुलाई, 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में आरोपितों के खिलाफ NIA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है. हालांकि अभी सजा नहीं सुनाई है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है और 31 मई को सजा सुनाएगी. गौरतलब है कि इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे. पटना सिविल कोर्ट में 2013 में गठित NIA कोर्ट का यह पहला फैसला है. सुबह सभी आरोपियों को सुरक्षित वाहन से कोर्ट लाया गया, जहां उन्हें दोषी करार दिया गया. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने कोर्ट परिसर को पूरी तरह सुरक्षित रखा.बात दें कि 7 जुलाई, 2013 की सुबह साढ़े 5 से 6 बजे के बीच महाबोधि मंदिर में एक के बाद एक हुए नौ विस्फोट ने सबको दहला दिया था. आतंकियों ने महाबोधि वृक्ष के नीचे भी दो सिलेंडर बम लगाए थे जिसमें टाइमर लगा हुआ था. एनआईए ने जांच में यह भी माना है कि इन आरोपितों ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए बोधगया में सीरियल ब्लास्ट किया था. ब्लास्ट के समय विदेशी तीर्थयात्री प्रार्थना के लिए जमा थे. बोधगया ब्लास्ट में एनआईए ने 90 गवाहों को पेश किया है. विशेष न्यायाधीश ने 11 मई, 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना निर्णय 25 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. इस सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था.आरोपियों के नाम इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजीबुल्लाह अंसारी है. हैदर, मुजीबुल्लाह और इम्तियाज रांची के रहने वाले हैं, जबकि उमर और अजहर छत्तीसगढ़ के रायपुर के निवासी है.ये सभी बेउर जेल में कैद हैं. शुक्रवार को इस मामले में होने वाले फैसले को लेकर बेउर जेल की सुरक्षा चौकस कर दी गई है. एनआईए ने मामले की जांच करने के बाद इन सभी आरोपितों पर 3 जून, 2014 को चार्जशीट किया था. 27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट में भी ये सभी आरोपी हैं.
एनआईए की टीम को बौद्ध भिक्षु के कपड़े पर एक बाल मिला था. बाल के डीएनए टेस्ट से एनआईए को हैदर के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे. जांच एजेंसी का दावा है कि हैदर ने जब मंदिर में महाबोधि वृक्ष के पास बम रखा था, तो वह यही कपड़े पहने हुआ था. ब्लास्ट करने के लिए हैदर ने रायपुर में योजना बनी थी. हैदर ने ब्लास्ट के पहले बोधगया का चार-पांच बार दौरा कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था. हैदर और उसके साथी आतंकी संगठन सिमी के सदस्य थे. गौरतलब है कि हैदर अली ने बौद्ध भिक्षु बनकर मंदिर में प्रवेश किया और विस्फोट किया था.
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