शरद यादव के JDU में वापसी की खबर से खलबली, खुद नीतीश कुमार कर चुके हैं बात

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सिटी पोस्ट लाइव : लोकतांत्रिक जनता दल (LJD ) के अध्यक्ष शरद यादव (Sharad yadav) की एक बार फिर जेडीयू (JDU) में वापसी हो सकती हैं. पहले तो महागठबंधन (Grand Alliance) की ओर से ऐसी खबरों को निराधार बताया गया  लेकिन अब LJD राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि की है कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने शरद यादव की बात हुई है. हालांकि उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने शरद यादव से तबीयत को लेकर कुशल क्षेम पूछा, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता.

LJD नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शरद यादव से बातचीत हुई है. उन्होंने तबीयत को लेकर उनसे कुशल क्षेम पूछा है. उन्होंने शरद यादव के जेडीयू में शामिल होने की बात पर कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. महागठबंधन और एनडीए, दोनों में भगदड़ मची हुई है. आगे-आगे और क्या-क्या होता है देखते चलिए.

गौरतलब है कि इससे पहले शरद यादव (Sharad Yadav) के जेडीयू में दोबारा शामिल होने की चर्चाओं पर जेडीयू (JDU) के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) संबंध निभाने में सबसे आगे रहने वाली शख्सियत हैं.बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव ने शरद यादव के जेडीयू में फिर से शामिल होने के कयासों पर  आरजेडी कुनबे और और महागठबंधन को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि  अगर शरद यादव जेडीयू में आते हैं तो इसका फ़ायदा एनडीए को मिलेगा. वे जिस गठबंधन (महागठबंधन) में हैं वहां के लोगों ने उनका ख़्याल नहीं रखा.  उनकी तबीयत खराब होने के बाद भी अगर हाल-चाल नहीं लिया तो यह दुखद है.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव और 2019 में आरजेडी के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन उन्हें  करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.सिर्फ शरद यादव ही नहीं, कांग्रेस के एक प्रत्याशी को छोड़ महागठबंधन के सभी प्रत्याशियों को हार ही नसीब हुई थी. इसके बाद से ही महागठबंधन में कई तरह के असंतोष के स्वर फूट पड़े थे. खास तौर पर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ. फरवरी में जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की तिकड़ी की मीटिंग शरद यादव के साथ हुई थी. इस बैठक में शरद यादव को सीएम पद का फेस घोषित करने की मांग उठी थी. जाहिर है इसके बाद से ही आरजेडी और कांग्रेस नेताओं के कान खड़े हो गए थे, क्योंकि इस बैठक में आरजेडी और कांग्रेस के नेता नहीं थे.

जाहिर है कि बिहार की राजनीति में शरद यादव का सीएम फेस के लिए नाम आना सीधे तौर पर तेजस्वी यादव के लिए चुनौती मानी जाने लगी. दूसरी ओर, शरद यादव के अगुआ बनने के बीच जीतन राम मांझी के स्वर और तेज रूप से मुखर होते चले गए. वहीं, इस बैठक के बाद फिर दिल्ली के पांच सितारा होटल में शरद यादव, प्रशांत किशोर, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की मीटिंग हुई. इसे सीथे तौर पर विधानसभा चुनाव के तहत आरजेडी पर दबाव बनाने की रणनीति कही गई.माना जा रहा है कि यही वजह रही कि कांग्रेस और राजद की गैरमौजूदगी में शरद यादव को महागठबंधन की ओर से सीएम बनाए जाने की बात इन दोनों ही पार्टियों को नागवार गुजरी. इसके बाद से ही अक्सर देखा जाने लगा कि आरजेडी की ओर से शरद यादव को कभी भी किसी अहम मीटिंग में नहीं बुलाया गया.

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