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नीट की टॉपर कल्पना के जरिये अपनी ख़राब छवि को चमकाने की तैयारी में बिहार बोर्ड

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पिछले कुछ वर्षों से बिहार बोर्ड अपने मेधावी परीक्षार्थियों के कारण कम और फर्जी टॉपर के कारण ज्यादा चर्चा में रहा है. पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर यहां की परीक्षार्थी कल्पना ने बोर्ड को खुश होने का अवसर दिया है.इंटर का रिजल्ट आने के बाद नीट की परीक्षा ने प्रथम स्थान पानेवाली कल्पना को सम्मानित कर बिहार बोर्ड बदनामी से  पीछा  छुडाने के प्रयास में लगा है.’

सिटी पोस्ट लाईव :बिहार बोर्ड के किसी परीक्षार्थी ने पहलीबार जेईई और नीट जी परीक्षा में देश भर में प्रथम स्थान पाकर बिहार का नाम रौशन तो किया है.गणेश और रूबी राय जैसे टापरों के कारण देश भर में बदनाम हो चूका बिहार बोर्ड इसबार नीट की परीक्षा में देश में नंबर वन आनेवाली अपनी छात्रा कल्पना के जरिये अपने ऊपर लगे दाग-धब्बे को धोने की योजना बनाने में जुटा है.

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से बिहार बोर्ड अपने मेधावी परीक्षार्थियों के कारण कम और फर्जी टॉपर के कारण ज्यादा चर्चा में रहा है. पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर यहां की परीक्षार्थी कल्पना ने बोर्ड को खुश होने का अवसर दिया है. पिछले दो साल से परीक्षा और मूल्यांकन में ईमानदारी दिखाने के बोर्ड की सारी कोशिशों पर  रूबी राय और गणेश कुमार जैसे टापर छात्रों ने पानी फेर दिया था. अब बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि कल्पना के कारण बोर्ड की छवि राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक रूप से उभरेगी. इंटर का रिजल्ट आने के बाद बोर्ड कल्पना को विशेष रूप से सम्मानित कर अपना पीछा बदनामी से छुडाने का प्रयास बोर्ड करेगा.

बिहार बोर्ड के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं होती है, पहले भी बोर्ड के बच्चे आइआइटी और मेडिकल की परीक्षाओं में टॉप करते रहे हैं. 2010 के बाद से इस तरह की प्रवेश परीक्षाओं में बोर्ड के छात्रों का प्रदर्शन ठीक नहीं हो रहा है.इस बीच बोर्ड के फर्जी टापरों ने बोर्ड को दश भर में इतना खराब नाम दे दिया कि बिहार बोर्ड के छात्रों की प्रतिभा को शक की नजर से देखा जाने लगा है.

कल्पना ने नीट की परीक्षा में प्रथम स्थान पाकर ये साबित कर दिया है कि सामान्य घर के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी अपने मेहनत के बल पर कुछ भी कर सकते हैं.अगर उन्हें अवसर उपलब्ध कराया गया तो बिहार बोर्ड के बच्चे नियमित रूप से जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हैं.

बिहार बोर्ड की 2016 में  आर्ट्स टॉपर रूबी राय ठीक से पॉलिटिकल साइंस भी नहीं बोल पा रही थी.वह इतना अनपढ़ और जाहिल निकली कि पॉलिटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस कह दिया .फिर क्या था देश भर में बिहार बोर्ड के इस आर्ट्स टॉपर को लेकर खिल्ली उडी.इसके बाद  बोर्ड में बड़े स्तर पर ऑपरेशन चला. बोर्ड अध्यक्ष प्रो. लालकेश्वर प्रसाद, सचिव हरिहर नाथ झा, टॉपर घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय समेत कई लोगों को जेल जाना पड़ा.रूबी राय का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि पिछले साल आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार को उम्र कम बताकर परीक्षा में शामिल होने के आरोप में जेल भेंज दिया गया.

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