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NDA की तरह महागठबंधन में भी उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर सीटों के बटवारे में फंसा है पेंच

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NDA की तरह महागठबंधन में भी उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर सीटों के बटवारे में फंसा है पेंच

सिटी पोस्ट लाइव : एनडीए की तर्ज पर महागठबंधन में भी सीट  बटवारे को लेकर 20-20 के फ़ॉर्मूले पर काम चल रहा है.इस फ़ॉर्मूले के मुताबिक़ राष्ट्रीय जनता दल 20 सीटों पर चुनाव लडेगा और बाकी 20 सीटें सहयोगी दलों के खाते में 20 सीटें जायेगीं. सबसे बड़ा पेंच उपेंद्र कुशवाहा को लेकर फंसा हुआ है. अगर वो एनडीए छोड़ महागठबंधन में आते हैं तो कांग्रेस के सीटों की संख्या घट सकती है.सूत्रों के अनुसार अगर उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन में आते हैं तो उन्हें 5 सीटें दी जा सकती हैं. जाहिर है उपेन्द्र कुशवाहा अगर एनडीए छोड़ महागठबंधन में आते हैं तो कांग्रेस के सीटों की संख्या घट सकती है.

गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी 27 और कांग्रेस 12 सीटों पर लड़ी थी. इस बार नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के कारण तेजस्वी यादव 27 में सात सीटों का बलिदान देने को तैयार हैं. दूसरी ओर कांग्रेस को भी दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. कांग्रेस को 10 लोकसभा सीटें मिल सकती है.

पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में 31 सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमाया था. तब बीजेपी से अलग हो चुकी जेडीयू को दो, आरजेडी को चार, एनसीपी को एक और कांग्रेस को दो सीटों से संतोष करना पड़ा था.

2019 के चुनावी समर में तेजस्वी सीटों को लेकर अड़ियल रवैया अपनाने के बदले सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने में यकीन कर रहे हैं. इस बार शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल और तीन वामपंथी पार्टियां – भाकपा, माकपा और भाकपा-माले- भी महागठबंधन का हिस्सा होंगी. इन तीनों दलों को एक-एक सीट मिल सकती है. शरद यादव खुद मधेपुरा से लड़ेंगे और अर्जुन राय सीतामढ़ी से शरद यादव की पार्टी से चुनाव लड़ेगें. सपा और बसपा को भी एक-एक सीट मिल सकती है. सपा से देवेंद्र यादव झंझारपुर से किस्मत आजमा सकते हैं.

अगर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो कुर्मी-कोईरवी वोट बैंक के लिहाज से उन्हें कम से कम चार सीटें मिलेगीं. इस लिहाज से रालोसपा महागठबंधन की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. मौजूदा 20-20 फॉर्मूले के मुताबिक सीटों का बंटवारा इस तरह हो सकता है . इसमें कुशवाहा शामिल नहीं हैं. अगर आखिरी वक्त पर वो तेजस्वी से हाथ मिलाते हैं तो कांग्रेस के खाते से दो सीटें कम हो सकती है. इसके अलावा लोजद को भी एक ही सीट पर संतोष करना पड़ेगा.

अभीतक सीटों के बटवारे को लेकर जो खाका तैयार हुआ है उसके अनुसार आरजेडी – 20, कांग्रेस – 10,लोजद – 03 (मधेपुरा से शरद यादव और जमुई से उदय नारायण चौधरी और सीतामढ़ी से अर्जुन राय ).हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा – 01 (गया से जीतन राम मांझी),भाकपा – 01,माकपा – 01,भाकपा -माले – 01,सपा – 01,बसपा -01, तारिक अनवर – कटिहार, सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी – 01 (महागठबंधन में आने पर मुजफ्फरपुर सीट) से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अभीतक पेंच उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर फंसा हुआ है. वैसे भी जिस तरह से जीतन राम मांझी 20 सीटों की मांग कर चुके हैं, 1 सिट पर मानेगें, इसकी संभावना बहुत कम है. उसी तरह से उपेन्द्र कुशवाहा अगर एनडीए को छोड़कर महागठबंधन में आते हैं तो कम से कम 5 सीटों की मांग करेगें.

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