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राज्यपाल, शिक्षामंत्री और बिहार बोर्ड अध्यक्ष की बखिया उधेड़ दी इस बीजेपी एमएलसी ने

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नेता राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को भी नहीं बख्श रहे हैं. बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने मंगलवार को एकसाथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर पर जोरदार हमला बोला. सबसे पहले तो उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष से मिलकर राज्यपाल पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर देने के गंभीर आरोप लगाए फिर उन्हें  राजभवन में घूसकर घुस्सा मरने तक की धमकी तक दे डाली .-“ राज्यपाल ना क्या हैं, जो कह देगें वो हो जाएगा? मारेगें घूसे घूसे “ दरअसल, सबसे पहले उन्होंने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष पर जमकर हमला बोला. अध्यक्ष पर माल प्रैक्टिस करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक्ट के अनुसार 45 फिसद से कम अंक लानेवालों को आनर्स नहीं मिल सकता लेकिन 35 फिसद अंक लानेवालों को आनर्स दे दिया.पटना के बच्चों को नामांकन के लिए दरभंगा का  कॉलेज दे दिया और जमुई के बच्चों को पटना  दरभंगा का कॉलेज अलोट कर दिया .उन्होंने कहा कि नामांकन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था के तहत ये गड़बड़ी की जा रही है. ये पैटर्न नहीं चलेगा.

नवल किशोर यादव ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष पर माल प्रैक्टिस करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के सभी डीग्री कॉलेजों की स्वायतता को ख़त्म  करने की कोशिश हो रही है. यह सबकुच्छ राज्यपाल के ईशारे पर हो रहा है.उन्होंने कहा कि ये सबकुछ महा-महिम के ईशारे पर हो रहा है.महामहिम को भी अपने अधिकार सीमा के अन्दर रहना चाहिए.वो किसी को यहाँ गिरवी रख देना चाहते हैं तो बिहार के लोग चुपचाप नहीं बैठेगें.शिक्षामंत्री पर हमला करते हुए कहा कि उनकी बैठक में वो नहीं जायेगें क्योंकि जिस मंत्री की अधिकारी ही नहीं सुनते उसके यहाँ जाकर अपनी बेईज्जती नहीं करवानी है.नवल किशोर यादव ने मंत्री से सवाल किया कि आप कॉन्ट्रैक्ट पर बूढ़े शिक्षकों को बहाल कर नौजवानों का रोजगार क्यों छीन रहे हैं. बूढ़े नौकरी करेगें और नौजवान रोड पर घूमेगें ?

इंटर काउंसिल पप्पू यादव समर्थकों द्वारा सोमवार को किये गए तोड़फोड़ और हंगामे को उन्होंने जायज ठहराते हुए कहा कि इंटर काउंसिल में जो उत्पात मचाया गया है ,वो इस बात की झांकी है .अगर समय रहते छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को नहीं रोका गया तो परिणाम भयानक होगा.बिहार बोर्ड का अध्यक्ष गरीब बच्चों की समस्या को नहीं समझते.उनके ऑनलाइन नामांकन लेने के इस पैटर्न से गावं देहात के गरीब बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है.

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