कौकब कादरी बेहद दुखी, कहा- मुसलमान वोट को हमेशा ही महत्व नहीं दिया जाता
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष मदन मोहन झा ने अभी पद की शपथ ली भी नहीं कि कांग्रेस के भीतर लोग दुखी दिखाई देने लगें. पार्टी के कई चेहरों को उम्मीद थी कि उन्हें बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया जायेगा. उनमें चाहे अखिलेश सिंह, कौकब कादरी, शकील अहमद या प्रेमचंद मिश्र हो. सबों को अध्यक्ष न बनने का मलाल है. लेकिन इन सबों में सबसे ज्यादा किसी को दुःख पहुंचा है. वो हैं कौकब कादरी, जो न चाहते हुए भी अपने भीतर के दुःख को छुपा न पाए.
पत्रकारों से बात करते हुए कादरी ने कहा कि मैंने पार्टी को अपना शत प्रतिशत दिया. मेरे अध्यक्ष बनने के बाद से अल्पसंख्यकों में उत्साह था, लेकिन पार्टी ने मुझ से ज्यादा नए अध्यक्ष पर भरोसा जताया है तो कोई बात जरूर रही होगी. कादरी ने कहा कि यह चुनाव का वर्ष है. जहां गुणा भाग करना जायज है लेकिन चुनाव के वर्ष में इस प्रकार के प्रयोग से बचना चाहिए. कादरी ने कहा कि मुझे बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष का जिम्मा दिया गया और मैंने एक वर्ष में पार्टी को काफी मजबूती देने का काम किया है. पार्टी को यदि मुझे हटाना था, तो पहले हटाना चाहिए था.
कादरी ने साफ़ तौर पर कहा कि मुसलमान वोट को हमेशा ही महत्व नहीं दिया जाता. लोगों को लगता है अल्पसंख्यक का वोट आखिर कहां जाएगा. भाजपा के साथ तो जाएगा नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में संख्या बल के आधार पर अल्पसंख्यकों को भी भागीदारी मिलनी चाहिए. बिहार में अल्पसंख्यक और पिछड़ा का वोट तो महागठबंधन के साथ था ही. पार्टी ने सवर्ण को बिहार की जिम्मेदारी दी है मुझे लगता है. इसका मकसद सवर्ण वोट हासिल करना है. बहरहाल पार्टी ने जो फैसला लिया ठीक ही लिया होगा.
पटना से कुंदन कर्ण की रिपोर्ट
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