सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में NDA की सरकार है. सरकार में शामिल दोनों दल वीआइपी और हम पार्टी के सुप्रीमो लगातार बगावती तेवर दिखा रहे हैं. अपने बयानों से वो सरकार का संकट बढ़ा रहे हैं. कभी माझी अपने बयानों से सरकार में शामिल दलों को पसोपेश में डालते है तो कभी VIP पार्टी अध्यक्ष मुकेश साहनी अपने बयानों से सरकार के लिए टेंशन खड़ा कर देते हैं. मंत्री मुकेश साहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर यह मांग की है कि वह बिहार विधान सभा के सदस्यों और बिहार विधान परिषद के सदस्यों के फंड से लिया गया पैसा वापस कर दें.
दरअसल नीतीश सरकार ने कोरोना के दूसरे संकमण को देखते हुए विधायकों और विधान पार्षदों के फंड से 2-2 करोड़ रुपए लिए हैं. बिहार सरकार के मंत्री मुकेश साहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि विधायकों और विधान पार्षदों के फंड से कोरोना टीका करण के मद में पैसे लिए गए थे, लेकिन अब जिस तरीके से केंद्र सरकार ने मुफ्त में कोरोना का टीका राज्यो को मुफ्त में उपलब्ध कराने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में बिहार सरकार को विधायकों और विधान परिषदों के फंड से लिए गए दो- दो करोड़ रुपए की राशि को वापस कर देना चाहिए.
मुकेश साहनी ने अपने पत्र में कहा है कि इन जनप्रतिनिधियो कोष में अगर सरकार द्वारा राशि वापस कर दी जाती है तो इससे विकास के दूसरे काम किए जा सकेंगे. बिहार में सरकार मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के नाम पर विधायकों और विधान पार्षदों को हर साल 300 करोड़ रुपए खर्च करने का अधिकार देती रही है. इन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर ही सारी राशि खर्च की जाती है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद सरकार ने इन जनप्रतिनिधियों के फंड से दो-दो करोड़ वापस लेने का ऐलान किया था. सरकार ने तब यह कहा था कि यह सारी राशि स्वास्थ्य विभाग के मद में खर्च की जाएगी.
गौरतलब है कि राज्य सरकार के फैसले पर तेजस्वी यादव की तरफ से भी नीतीश कुमार को पत्र लिखा गया था. लेकिन सरकार के मंत्री विजेंद्र यादव ने तेजस्वी को इस पत्र का जवाब देते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना मद की राशि पर राज्य सरकार का ही हक बनता है और आज सरकार जब चाहे उसे अपने पास वापस ले सकती है.अब उनके अपने मंत्री ही तेजस्वी यादव जैसी मांग कर रहे हैं.
Comments are closed.