सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में एनडीए खासकर बीजेपी के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। विधान परिषद की दो सीटों पर उपचुनाव के लिए बीजेपी के फैसले पर वीआइपी पार्टी ने असहमति जता दी है। बीजेपी ने इन दो सीटों में से एक पर अपने वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन और दूसरी सीट पर वीआइपी के नेता मुकेश सहनी को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया था। लेकिन मुकेश सहनी ने इस सीट से उम्मीदवार बनने से मना कर दिया है।
वीआइपी के नेता मुकेश सहनी अधूरे कार्यकाल वाली सीट से उम्मीदवार नहीं बनना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें पूरे छह साल कार्यकाल वाली सीट से चुनकर बिहार विधान परिषद में भेजा जाए। फिलहाल विधान परिषद की जिन दो सीटों के लिए चुनाव हो रहा है, उनका कार्यकाल क्रमश: करीब चार साल और डेढ़ साल ही बचा है।
सूत्रों के मुताबिक जिस सीट से मुकेश सहनी को उम्मीदवार बनाए जाने की तैयारी है, उसका कार्यकाल केवल डेढ़ साल ही (21 जुलाई 2022 तक) बचा है। यह सीट विनोद नारायण झा के विधानसभा में चुने जाने के बाद रिक्त हुई है।
विधान परिषद में रिक्त हुई दूसरी सीट पर शाहनवाज हुसैन को उम्मीदवार बनाया गया है। यह सीट सुशील कुमार मोदी के राज्यसभा में चुने जाने के बाद रिक्त हुई है। इस सीट का कार्यकाल करीब चार साल बचा है। मुकेश सहनी की टीस भी इसी बात को लेकर अधिक है। इसके बावजूद उन्होंने खुद इस मुद्दे पर अब तक मुंह नहीं खोला है।
वीआईपी के प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने दावा किया है कि मुकेश नामांकन दाखिल नहीं करेंगे। बिहार विधानसभा में पहली बार वीआइपी से चार विधायक जीतकर आए हैं। ये सीटें वीआइपी को बीजेपी के साथ समझौते के बाद मिली थीं। मुकेश सहनी खुद भी चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
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