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जीतन राम मांझी की शायरी से महागठबंधन में हलचल!

जीतन राम मांझी ने शायरी के जरिये नीतीश सरकार को अपने निशाने पर लिया है.

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सिटी पोस्ट लाइव :छपरा, सिवान और बेगुसराय में जहरीली शराब की वजह से हुई लगभग 100 लोगों की की मौत ने नीतीश कुमार के सहयोगियों को भी असहज कर दिया है. खुल कर नहीं लेकिन इशारों में महागठबंधन के सहयोगी दल भी नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.शराब पिने से मरनेवालों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने को लेकर नीतीश कुमार के स्टैंड पर सहयोगी दल भी सवाल खड़ा कर रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी सीएम नीतीश कुमार पर शायराना अंदाज में तंज भी कसा है.उन्होंने मुख्यमंत्री के स्टैंड को गलत भी बता दिया है. जहरीली शराब से हो रही मौतों और मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिए जाने को लेकर सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना दर्द बताते हुए इशारों में नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, ”लिखा परदेस किस्मत में; वतन का हाल क्या होगा, जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या होगा?”

जीतन राम मांझी की इस शायरी में बड़ा संदेश छुपा है. नीतीश कुमार के फैसले पर माझी यआगे कहते हैं जब 2016 में जहरीली शराब की वजह से हुई मौत के बाद सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया था तो अब देने में क्या हर्ज है? जाहिर है जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी हैं. लेकिन, छपरा में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत ने उन्हें भी आहत कर दिया है. लेकिन, सत्ता में है तो खुलकर नहीं बोल सकते हैं. ऐसे में इशारों में ही अपना दर्द बता सरकार पर निशाना साध दिया और मुआवजा के बात का समर्थन भी कर सरकार के लिए परेशानी बढ़ा दी.

कांग्रेस के नेता भी जहरीली शराब की घटना पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक शकील खान भी शीतकालीन सत्र के दौरान जो कुछ हुआ उस पर शायराना अंदाज में ही जवाब देते नजर आए. शकील खान ने कहा, ”दुनिया ने तेरी आदत से बेगाना कर दिया. सियासत है और इसमें किसी भी मुद्दे के बहाने सत्ताधारी दलों और विरोधी दलों में नोंकझोंक तो होती ही रहती है. लेकिन, इस बार शीतकालीन सत्र में जिस तरह जहरीली शराब की वजह से सियासत गरमाई हुई है; विरोधी तो विरोधी अपनों ने भी निशाना साधने में कमी नहीं की जो आनेवाले समय में महागठबंधन की सियासत के लिए अहम है.

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