सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के ग्रामीण ईलाकों में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था तो सरकार ने कर दी है लेकिन लोगों की शिकायत रहती है कि वहां डाक्टर और नर्स कभी-कभार मुश्किल से ही मिलते हैं.अब राज्य सरकार ने जिले से लेकर गांव-देहात में तैनात डाक्टरों, स्वास्थ्य सेवकों की नियमित मानिटरिंग का फैसला किया है. जिले, प्रखंड में तैनात डाक्टर, नर्स या दूसरे पारा मेडिक्स कब-कब सेवा से गायब रहे जिलों से यह रिकार्ड लिया जाएगा. यह व्यवस्था बगैर विभाग को सूचना दिए गायब रहने की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए की जा रही है.
गौरतलब है कि ग्रामीण ईलाकों के अस्पतालों में तैनात डॉक्टर-नर्स अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं. बिना सूचना दिए सेवा से गायब रहनेवाले डाक्टरों-नर्सों की नकेल कसने की तैयारी है.गौरतलब है कि डाक्टरों-नर्सों के इस रवैये का सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में इलाज को आए या फिर भर्ती मरीजों पर पड़ता है और उनका इलाज प्रभावित होता है. जिलों से लगातार मिलती ऐसी शिकायतों के बाद अब समस्या से सख्ती से निपटने का फैसला किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से चीफ मेडिकल अफसरों से जिलों में तैनात सामान्य, विशेषज्ञ डाक्टर, डेंटिस्ट, आयुष डाक्टरों का विवरण हर महीने तलब किया है. मेडिकल अफसरों को एक प्रमाणपत्र सरकार को देकर बताना होगा कौन-कौन डाक्टर सेवा से काम के वक्त नदारद रहे. विभाग के सूत्रों ने बताया कि मेडिकल अफसरों को महीने की पांच तारीख तक अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मुख्यालय भेजनी होगी.अगर वगैर सुचना के गायब पाये गये तो कड़ी कारवाई होगी.
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