सिटी पोस्ट लाइव : बिहार चुनाव में एनडीए की जीत के बाद केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद का जल्द विस्तार किया जा सकता है। नई परिस्थितियों में जेडीयू केंद्र सरकार में शामिल हो सकती है, ताकि एनडीए को मजबूती दी जा सके। इसके अलावा बीजेपी भी अपने प्रमुख नेताओं को इसमें जगह देगी।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार की संभावना है। केंद्र सरकार में अकाली दल की हरसिमरत कौर के हटने और एलजेपी नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद के बाद एनडीए की मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी बीजेपी तक सीमित रह गई है। मंत्रिपरिषद में राज्यमंत्री के रूप में अकेले रिपब्लिकन पार्टी के नेता रामदास अठावले गैर बीजेपी दलों के एकमात्र प्रतिनिधि हैं।
बिहार में एनडीए ने चुनौतीपूर्ण स्थितियों में फिर से सफलता हासिल की है, लेकिन जेडीयू अब छोटे भाई की भूमिका में रह गई है। गठबंधन के फैसले के अनुसार सीएम तो नीतीश कुमार ही होंगे, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल में अब दबदबा बीजेपी का होगा। ऐसे में नीतीश कुमार केंद्र सरकार में शामिल होने का फैसला कर सकते हैं। बीजेपी से भी उन पर दबाव होगा कि एनडीए की मजबूती के लिए वे केंद्र में हिस्सेदारी करें।
केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को डेढ़ साल होने को आया है। अभी तक एक भी विस्तार नहीं हुआ है। कई मंत्रियों के पास तीन से चार मंत्रालय तक हैं और काम का बोझ बढ़ा हुआ है। इसके अलावा बीजेपी के कई प्रमुख नेता केंद्र सरकार में आने का इंतजार कर रहे हैं।
आने वाले समीकरणों को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, विस्तार में बीजेपी संगठन के कुछ लोगों को भी जगह दी जा सकती है, जिनको जेपी नड्डा की नई टीम में नहीं लिया गया है।
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