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मंत्री हफीजुल अंसारी ने जेएमएम प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल किया

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल अंसारी ने गुरुवार को मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल के पहले मधुपुर के पथलचपटी मैदान में महगठबंधन की ओर से जनसभा का भी आयोजन किया गया, जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम समेत अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। जेएमएम प्रत्याशी हफीजुल हसन अंसारी ने अनुमंडल कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। नामांकन के वक्त हफीजुल हसन अंसारी के साथ ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी, महागामा विधायक दीपिका पांडेय, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, गांडेय विधायक सरफराज अहमद सहित कांग्रेस और झामुमो के कई अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल हुये।

नामांकन दाखिल के पहले महागठबंधन की ओर से जनसभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि अन्य किसी भी विरोधी पार्टी को तो यहां से उम्मीदवार खड़ा ही नहीं करना चाहिये था क्योंकि यहां जेएमएम की जीत निश्चित है। हेमंत सोरेन ने कहा कि वे उत्साहित है कि हफीजुल अंसारी आज यहां से नामांकन दाखिल कर रहे हैं लेकिन दुखी भी हैं क्योंकि आज अभिभावक समान हाजी हुसैन अंसारी उनके बीच मौजूद नहीं हैं। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि दिवंगत हाजी  हुसैन अंसारी पार्टी के लिये अभिभावक समान थे। उन्होंने कहा कि मरहूम हाजी हुसैन अंसारी के सानिध्य में हमें राजनीतिक मार्गदर्शन मिला।  उनसे काफी कुछ सीखा। इस चुनाव में जीत हासिल करके दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी को श्रद्धांजलि देनी होगी। हमने बहुत करीब से उन्हें देखा है।  एक गार्जियन, मार्गदर्शक, साथी  का हाथ हम लोगों से छूट गया लेकिन जरूर उनके साथ उनके कर्तव्यों को जिंदा रखने, अमर रखने के लिए हमें कुछ करना होगा। उनके रुखसत होने से मधुपुर सीट खाली हुई है। इस पर चुनाव होना है।  विधि का विधान कोई नहीं टाल सकता। हमें यह प्रयास जरूर करना चाहिए कि हाजी साहब जैसे इंसान का सिर कभी नहीं झुकने देना चाहिए। चुनाव में अनेक दल के लोग आएंगे तरह-तरह की कहानियां सुनाएंगे लेकिन इस बीच हम लोगों को चुनाव जीतकर हाजी साहेब को श्रद्धांजलि देना है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा पर जब जब तूफान और संकट आया तब तब पार्टी निखर कर उभरी है। लगातार संघर्ष कर गुरूजी शिबू सोरेन ने झारखंड को स्थापित किया है। लोग कहते थे आंदोलनकारी सरकार नहीं चला पाएंगे। ये सब हड़िया पीकर पड़ा रहेगा। आज आंदोलनकारी के बेटे के हाथ में ही सरकार की बागडोर है। हमलोग दिखावे में नहीं जाते, बूंद बूंद से घड़ा भरने का विश्वास करते हैं।

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