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चार-छह दिनों में सभी प्रवासी श्रमिकों तक न्यूनतम सहायता पहुंचेगी: मुख्यमंत्री

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चार-छह दिनों में सभी प्रवासी श्रमिकों तक न्यूनतम सहायता पहुंचेगी: मुख्यमंत्री

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अगले चार-छह दिनों में सभी प्रवासी श्रमिकों तक एप्प की सहायता और डीबीटी के माध्यम से न्यूनतम सहायता राशि पहुंच जाएंगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को रांची में कोरोना वायरस के कंटेनमेंट एरिया के रूप में चिह्नित हिन्दपीढ़ी के लिए 15 दिनों के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना के शुभारंभ के मौके पर सादे समारोह को संबांधित कर रहे थे। राजधानी रांची के गुरुनानक स्कूल परिसर में बनाये गये कंट्रोल रूम से मुख्यमंत्री ने आकिस्मक  सहायता एवं राहत रथ को हरी झंडी दिखकर रवाना किया।

इस मौके पर संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना जांच को लेकर नये लैब की स्थापना और अत्याधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है और आने वाले समय में जांच की गति में तेजी आएगी।  उन्होंने बताया कि राज्य में खाद्यान्न को लेकर हाहाकर की स्थिति नहीं है, सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही सभी जरूरतमंद परिवारों तक खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि बताया कि राज्य में सात से आठ हजार सामुदायिक किचन चल रहे है, खाद्य सामग्री और अनाज भी बांटे जा रहे है, वहीं हिन्दपीढ़ी जैसे कंटेनमेंट एरिया के लिए विशेष खाद्य सामग्री वितरित करने की योजना शुरू की गयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए गुरुवार शाम को एक एप्प लांच किया गया है, अगले चार-छह दिनों तक इंतजार करें, देश के सभी कोने में फंसे राज्य के प्रवासी मजदूरों तक सहायता राशि पहुंच जाएगी और यदि कुछ बच जाते है, तो विधायक-सांसद अपनी निधि के माध्यम से यह राशि उपलब्ध कराएं। दिल्ली से भाजपा सांसदों के झारखंड वापस लौटने पर मुख्यमंत्री ने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि वे किस नियम के तहत वापस लौटे है, इसकी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि रांची के हिन्दपीढ़ी कंटेनमेंट एरिया के लिए सरकार की ओर से 15 दिनों का खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया जा रहा है, आज इसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार हिन्दपीढ़ी इलाके में में लगभग आठ हजार मकान है, उनसभी घरों में 15 दिनों के लिए खाद्य सामग्री का पैकेट वितरित किया जा रहा है। इस पैकेट में चावल, दाल, आलू, प्याज, चीनी, चायपत्ती, सरसो तेल, नमक ,बिस्कुट और साबुन समेत कई अन्य सामान है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज सामने आनेक े बाद हिन्दपीढ़ी पूरी तरह से लॉकडाउन है, लोगों की आवाजाही बंद है,इसको ध्यान में रखकर सरकार ने यह सामग्री घर-घर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है,ताकि इस दौरान किसी भी परिवार को कोई दिक्कत न हो और भोजन मिल सके। बच्चों के लिए विशेष रूप से बिस्किट की व्यवस्था की गयी है, पारले-जी कंपनी की ओर से बिस्किट के दो लाख पैकेट उपलब्ध कराएंगे गये है। जबकि एक कंपनी की ओर से दस हजार साबुन जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है, वहीं जिला प्रशासन की ओर से 10लाख रुपये एकत्रित कर मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया गया है।  मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी तरह से खाद्य सामग्री बोकारो और अन्य संक्रमित इलाकों में भी वितरित की जाएगी, ताकि लोगों को भोजन की जरूरत के लिए घर से बाहर नहीं निकलना पड़े और सबकुछ ठीक रहा, तो क्षेत्र में छूट दी जाएगी।  उन्होंने बताया कि खाद्य सामग्री के साथ दूध का पाउडर भी वितरित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन आज यह उपलब्ध नहीं हो सका, कल से उपलब्ध हो जाने के बाद इसे भी वितरित किया जाएगा।

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