बिहार में कोरोना के 916 एक्टिव केस, 753 मरीज हैं प्रवासी मजदूर.
बिहार में कोरोना संक्रमण के देश की तुलना में दोगुना ज्यादा रफ़्तार से नीतीश सरकार की बढ़ी चिंता.
सिटी पोस्ट लाइव :सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव ने आज कहा कि हाल के दिनों में प्रवासी लोगों के लगातार आने से चुनौतियां भी बढ़ी है.क्यों चुनौती बने हुए हैं, इस विषय पर प्रकाश डाला स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने. स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक कोरोना संक्रमण के 50563 जांच किए जा चुके हैं, जिनमें से 1459 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. यानी कुल जांच का 2.95 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
बिहार में कोरोना डबलिंग रेट 8 दिनों का है. पिछले 24 घंटे में 40 लोग ठीक हो चुके हैं, अब तक कुल 534 लोग कोरोना से स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं, यानी कोरोना से रिकवरी रेट 36 फीसदी है. लगातार कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या भी बढ़ रही है. सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर में लगातार प्रवासी लोग आ रहे हैं, उनको हर संभव सुविधाएं दी जा रही हैं. क्वारंटाइन सेंटर में कभी किसी चीज की दिक्कत होती है तो सरकार की तरफ से उसका तुरंत समाधान किया जाता है.
सूचना सचिव ने बताया कि अभी 7 हजार 8 सौ 40 ब्लाक क्वारंटाइन सेंटर में लगभाग साढ़े 5 लाख लोग आवासित हैं, जिन्हें तय दिशानिर्देश के मुताबिक सारी सुविधाएं दी जा रही है. बिहार में चल रहे आपदा राहत केन्द्र के जरिए 76 हजार 5 सौ से ज्यादा लोग लाभ उठा रहे हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बिहार में लगातार टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई जा रही है, अब कुल 14 जगहों पर जांच केन्द्र कार्य कर रहे हैं. 3 मई के बाद आए 14910 प्रवासियों के सैंपल जांच किए गए जिनमें 753 पॉजिटिव पाए गए. बिहार में अभी 198 कंटेन्मेंट जोन हैं. 7 लाख 35 हजार घर कंटेन्मेंट जोन में पड़ते हैं.
एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लाॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों में जो अवरोध पैदा कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 24 एफआरआई दर्ज किए गए हैं, 42 गिरफ्तारियां हुई हैं और 1445 वाहन जब्त किए गए है.
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