अयोध्या के नाम पर मीडिया पहुंची, दिल्ली में अन्नदाताओं की भीड़ पर खामोश, निष्पक्ष न्याय किजीए
सिटी पोस्ट लाइव : कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना करने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में एकजुट हुए कई राज्यों के किसानों ने शुक्रवार को संसद मार्ग पर हुंकार भरी. अखिल भारतीय किसान संघर्ष मोर्चा समन्वय समिति (एआइकेएससीसी) के बैनर तले आयोजित किसान मुक्ति मार्च में देश के 210 किसान संगठन शामिल हुए. किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने भी एकता दिखाने की कोशिश की. किसानों के मार्च के दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) समेत 21 दलों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों की मांग के समर्थन में संसद मार्ग पर पहुंचे.
अयोध्या में भीड़ के पहुँचने से पहले ही मीडिया पहुँच गया था लेकिन दिल्ली में अन्नदाताओं की रिकार्डतोड़ भीड़ आने के बाद भी मीडिया नहीं पहुँच रहा। कम से कम किसानों के साथ तो निष्पक्ष न्याय किजीए। मोदी जी के नोट खाकर नहीं बल्कि उन्हीं का पैदा किया हुआ अनाज खाकर सब ज़िंदा है। pic.twitter.com/oJdrYZVCJr
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 30, 2018
वहीं बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक ट्वीट में दिल्ली में किसानों के संसद मार्च पर चर्चा की है. तेजस्वी यादव ने मीडिया को भी खूब लताड़ा है. मीडिया पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि अयोध्या में भीड़ के पहुँचने से पहले ही मीडिया पहुँच गया था लेकिन दिल्ली में अन्नदाताओं की रिकार्डतोड़ भीड़ आने के बाद भी मीडिया नहीं पहुँच रहा. कम से कम किसानों के साथ तो निष्पक्ष न्याय किजीए. मोदी जी के नोट खाकर नहीं बल्कि उन्हीं का पैदा किया हुआ अनाज खाकर सब ज़िंदा है.
जाहिर है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियां किसानों को गोलबंद करने में जुटा है, साथ ही इसपर सियासत भी जमकर की जा रही है. ये पहला मौका नहीं है जब किसान अपनी मांगो को लेकर सड़क पर उतरी हो. यूपीए सरकार में भी किसान सड़क पर उतर चुके हैं तब उन्हें भाजपा ने सपोर्ट किया था. अब जब भाजपा की सरकार है तो जाहिर है कांग्रेस सपोर्ट करेगी. लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या सिर्फ समर्थन करने से किसानों की स्थिति सुधर पायेगी. आज भले तेजस्वी सत्ताधारियों को घेरने के लिए मीडिया पर कटाक्ष कर रहे हो, लेकिन वे भूल जाते हैं कि किसानों से जुड़े सभी मुद्दे मीडिया ही लोगों और विपक्ष के कानों तक पहुंचती है. जिसपर विपक्षी पार्टियां सियासत की आंच जला अपनी रोटियां सेंकती है.
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