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इस चुनाव में अधर में हैं ज्यादा मतों से जीतनेवाले और कम मार्जिन से हारनेवाले प्रत्याशियों का भविष्य

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इस चुनाव में अधर में हैं ज्यादा मतों से जीतनेवाले और कम मार्जिन से हारनेवाले प्रत्याशियों का भविष्य

सिटी पोस्ट लाइव : इसबार के लोक सभा चुनाव में एक से एक बड़े राजनीतिक दिग्गजों का टिकेट कट चूका है. सबसे ख़ास बात ये है कि इस बार के लोक सभा चुनाव मैदान से वैसे उम्मीदवार बाहर हुए हैं जो 2014 के लोक सभा चुनाव में भारी मतों के अंतर से जीते थे या फिर बहुत कम मतों के अंतर से चुनाव हारे थे.

2014 के लोक सभा चुनाव में गोपालगंज से 286936 मतों के अंतर से जीतने वाले सांसद जनक राम मैदान से बाहर हो चुके हैं. BSP छोड़कर BJP के टिकेट पर चुनाव लड़नेवाले जनक राम ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति भारती को हराया था. लेकिन इसबार यह सीट JDU के खाते में चली गई है. जनक राम के पास अब बस एक ही रास्ता है कि वो फिर से BSP से टिकेट का जुगाड़ करें या फिर निर्दल चुनाव मैदान में उतर कर JDU प्रत्याशी की हार सुनिश्चित करें.

इसी तरह से पटना साहिब से 265 805 वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले BJP के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी इसबार बेतिच्केट हो चुके हैं. गौरतलब है कि पिछले लोक सभा चुनाव में मोदी लहर होने के वावजूद पटना साहिब में केवल 40.36 फिसद वोट पड़े थे. फिर भी शत्रु लाखों वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी कुनाल सिंह को हारने में कामयाब हुए थे .इसबार शत्रु कांग्रेस के टिकेट पर चुनाव लड़ेगें और BJP की इस परम्परागत सीट को संकट में डालेगें.

एलजेपी के सुप्रीमो रामविलास पासवान भी इसबार चुनाव मैदान से बाहर हैं. हाजीपुर लोक सभा सीट से सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले पासवान पिछले चुनाव में भी 225 500 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी संजीव टोनी को हराया था. इसबार स्वास्थ्य कारणों से वो चुनाव मैदान से बाहर हो गए हैं. उनके भाई पशुपति पारस इस सीट से चुनाव लड़ेगें.

BJP के ओमप्रकाश यादव भी RJD के हिना शहब को भारी मतों के अंतर से चुनाव हारने में कामयाब हुए थे. ओमप्रकाश यादव पहले ऐसे उम्मीदवार थे जिन्होंने शहाबुद्दीन के गढ़ में बतौर निर्दल उम्मीदवार चुनाव जीता था. बाद में वो BJP में शामिल हो गए. अब बीजेपी की यह सीट JDU के खाते में जा चुकी है. JDU यहाँ से अपनी पार्टी के दरौंदा विधायिका के पति अजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है.

कई ऐसे प्रत्याशियों के भविष्य भी इसबार के लोक सभा चुनाव में दावं पर लगे हैं जो पिछले चुनाव में बहुत कम वोटों के अंतर से यानी महज दस से बीस हजार वोटों से बीजेपी के प्रत्याशियों से चुनाव हारे थे. महागठबंधन होने की वजह से कईयों के सीट छीन गए हैं और कुछ फिर से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं.समस्तीपुर से कांग्रेस नेता अशोक राम एलजेपी के रामचंद्र पासवान से महज 68 75  वोटों से चुनाव हारे थे. इसबार भी वो कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.भागलपुर से बीजेपी के प्रत्याशी शाहनवाज हुसैन महज 9485  वोटों के अंतर से RJD के बुलो मंडल से चुनाव हार गए थे. इसबार उनकी सीट भी JDU के खाते में चली गई है यानी वो पैदल हो चुके हैं.

एलजेपी के सत्नानंद शर्मा नालंदा लोक सभा सीट से महज 96 27 वोटों के अंतर से JDU के कौशलेन्द्र कुमार से चुनाव हार गए थे.इसबार वो चुनाव मैदान से बाहर हो गए हैं क्योंकि JDU NDA में है और यह सीट JDU के खाते में है.BJP की प्रत्याशी पुतुल सिंह भी 10 144 वोटों के अंतर से RJD के उम्मीदवार जयप्रकाश नारायण यादव से चुनाव हार गई थीं. इसबार उनकी यह सीट भी JDU के खाते में चली गई है. JDU ने यहाँ से गिरिधारी लाल यादव को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है. जाहिर है वो मैदान से बाहर हो गई हैं.

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