पटना आसरा होम की मुख्य आरोपी मनीषा दयाल को पटना हाई कोर्ट से मिली जमानत
सिटी पोस्ट लाईव- राजधानी पटना के आसरा होम मामले की मुख्य आरोपी और आसरा होम को चलाने वाली संस्था की कोषाध्यक्ष, पटना के पेज थ्री पार्टियों की शान हॉट वीमेन मनीषा दयाल अब बहुत जल्द ही जेल से बाहर आनेवाली हैं. पटना हाई कोर्ट ने आज उन्हें नियमित जमानत दे दी है. सूत्रों के अनुसार मनीषा दयाल अगले एक-दो दिनों में बेऊर जेल से बाहर आ जाएगी. मालूम हो कि मनीषा दयाल को पटना पुलिस ने 12 अगस्त को आसरा होम में संवासिनों की संदिग्ध मौत के बाद गिरफ्तार किया था.
मनीषा दयाल के साथ ही आसरा होम्स को चला रहे अनुमाया हयूमेन रिसोर्सेज के सचिव चिरंतन कुमार,और स्टाफ बेबी कुमारी सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों पर बड़ी लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. जिसके बाद राजीव नगर थाना में उस मजिस्ट्रेट के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया, जिसकी निगरानी में महिला और लड़की की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम पीएमसीएच में कराया गया था. जिसके बाद मजिस्ट्रेट के बयान पर थाना में कुल 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें गिरफ्तार किए गए इन तीनों के अलावा आसरा होम्स में ड्यूटी के लिए लगाए गए डॉक्टर और एक एएनएम भी शामिल हैं.
मनीषा दयाल रातों रात उस वक्त सुर्खी में आ गई थी जब उसके कनेक्शन सत्ता और विपक्ष के कई लोगों के साथ सामने आए थे. दरअसल, मनीषा दयाल की बिहार के कई नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल हुईं. इसको लेकर एनजीओ संचालकों का पॉलिटिकल कनेक्शन की बात कही गई. मनीषा दयाल पर आरोप है कि अपने उच्ची पहुँच के बल पर उन्होंने गैर-कानूनीढंग से अपने एनजीओ के लिए समाज कल्याण विभाग आसरा होम का काम ले लिया. इतना ही नहीं, आसरा होम के लिए जो धन मिला उसे अपने एशोआराम के संसाधनों पर खर्च कर दिया. मनीष दयाल के एनजीओ अनुमाया हूमन रिसोर्स फाउंडेशन द्वारा संचालित यह शेल्टर होम कुछ दिनों पहले दो महिलाओं की मौत के कारण सुर्खियों में आया था. मनीषा दयाल का एनजीओ अनुमाया हूमन रिसोर्स फाउंडेशन को राज्य सरकार ने शेल्टर होम चलाने की जिम्मेदारी थी. इसके एवज में एनजीओ को भारी भरकम राशि मिलती थी.
यह भी पढ़ें – राफेल डील में बीजेपी को मिली क्लीन चिट,संजय टाइगर बोले-“माफ़ी मांगे राहुल गाँधी”
Comments are closed.