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मधुबनी को सरकारी मेडिकल कॉलेज की सौगात, मुख्यमंत्री ने किया शिलान्यास

515 करोड़ की लागत से बनने वाले अस्पताल में होगी 500 बेड

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सिटी पोस्ट लाइव : मधुबनी जिला के झंझारपुर अनुमंडल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास किया गया। झंझारपुर के लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरा होने की दिशा में काम होना शुरू हो गया है। झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र विशेषकर झंझारपुर और फुलपरास अनुमण्डल के लोगों को इस अस्पताल के पूरा होने से बेहतर चिकित्सा सेवा मिल पायेगी। अभी लोकसभा के क्षेत्र के लोग ईलाज के लिये रेफरल अस्पताल पर निर्भर रहते हैं और बेहतर ईलाज के लिये 35 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय मधुबनी या प्रमंडल मुख्यालय दरभंगा और राजधानी पटना जाना पड़ता है। 500 बेड वाले इस अस्पताल के निर्माण पर 515 करोड़ की लागत आएगी। इस चिकित्सा महाविद्यालय में 100 सीटों पर मेडिकल की पढ़ाई भी होगी।

इस चिकित्सा महाविद्यालय-सह-अस्पताल का निर्माण तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आज इस अस्पताल के शिलान्यास अवसर पर स्थानीय लोगों में उल्लास का मौहोल था। लोगों ने बताया कि इस अस्पताल के बन जाने से इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र नेपाल के लोगों को भी फायदा मिलेगा। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस योजना के पूरा होने से लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही कोशी क्षेत्र लोगों को भी ईलाज कराने में सुविधा होगी। शिलान्यास के अवसर पर जिलाधिकारी नीलेश रामचंद्र देवरे, आरक्षी अधीक्षक डॉ. सत्य प्रकाश, झंझारपुर सांसद रामप्रीत मंडल, स्थानीय विधायक गुलाब यादव, मधुबनी विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ समेत अनेक गण्यमान्य लोग मौजूद थे।

उपेक्षा के कारण जयनगर अनुमण्डल में निराशा भी।

जहाँ एक तरफ जिले को सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मिलने से सम्पूर्ण जिले में प्रसन्नता है, वहीं जयनगर के लोगों ने सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप भी लगाया है। ऐसा नहीं है कि झंझारपुर में मेडिकल कॉलेज से वे प्रसन्न नहीं है, बल्कि झंझारपुर के विकास से जयनगर के लोग भी आशान्वित है। लेकिन बार-बार जयनगर को उपेक्षित किये जाने से स्थानीय लोगों में गुस्सा भी है। जयनगर अनुमण्डल होते हुए भी न्यायिक सुविधाओं से वंचित है और यहाँ अनुमण्डल स्तरीय न्यायालय नहीं होने से लोगों को जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। भाजपा नेता सूरज महासेठ ने कहा कि जयनगर के साथ स्थानीय सांसद सहित बिहार और केंद्र सरकार भी सौतेला व्यवहार कर रही है और जयनगर के लिए इससे अच्छा था कि मधुबनी लोकसभा का ही हिस्सा था। वहीं राहुल शर्मा ने जयनगर को अलग जिला का दर्जा देने की माँग की।

मधुबनी से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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