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एलजेपी के पशुपति पारस का बड़ा बयान-7 से एक भी कम सीट पर समझौता मंजूर नहीं

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एलजेपी के पशुपति पारस का बड़ा बयान-7 से एक भी कम सीट पर समझौता मंजूर नहीं

सिटी पोस्ट लाइव : एलजेपी संगठन के लहजे से बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है. एलजेपी का गठन 2000 में हुआ था.लेकिन 1982 में दलित सेना का गठन किया गया था. दलित सेना पूरे देश में काम कर रही है. खासकर साउथ में दलित सेना बहुत ही सशक्त है. एलजेपी नेता बिहार सरकार में मंत्री पशुपति पारस ने सीट शेयरिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने यह साफ़ कर दिया कि एलजेपी सात सीटों से कम पर कोई समझौता नहीं करेगी. पशुपति पारस ने यह साफ़ कर दिया कि उनकी पार्टी जेडीयू के साथ कुछ सीटों की अदला बदली तो कर सकती है लेकिन सीटों की संख्या 7 से कम नहीं होनी चाहिए.

गौरतलब है कि पशुपति पारस बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य मंत्री हैं. वो रामविलास पासवान के भाई हैं. पार्टी में उनकी बहुत अहमियत है. पशुपति कुमार पारस ने सिटी पोस्ट लाइव से कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार में बड़ा भाई के रूप में बीजेपी है तो उसे ही सीटों को लेकर त्याग भी करना होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में पहले जेडीयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार थी, तब जेडीयू बड़ी पार्टी की भूमिका में थी. लेकिन परिस्थितियां बदल गयी हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में है. ऐसे में उन्हें सीटों को लेकर कुछ न कुछ समझौता तो करना ही होगा.

नीतीश कुमार को अधिक तरजीह देने को उन्होंने जायज ठहराते हुए कहा कि  केंद्र में बीजेपी को प्रधानमंत्री बनना है और बिहार में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनना है. उन्होंने कहा कि एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई समस्या नहीं है. एनडीए में चार पार्टनर हैं. चारों के प्रदेश अध्यक्ष पहले बैठेंगे और हमलोगों में बात नहीं बनेगी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास मामला जाएगा. लेकिन किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. समय पर सही फैसला हो जाएगा. नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद अभी हमलोगों के पास 33 सीटें हैं. और हमारी कोशिश है कि 2019 के चुनाव में बिहार की सभी 40 सीटें एनडीए की झोली में जाएं. उन्होंने कहा कि 2014 में त्रिकोणात्मक चुनाव हुआ था, लेकिन इस बार तो आमने-सामने की लड़ाई है. विरोधी दल का खाता भी नहीं खुलेगा.

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