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बिहार में शराबबंदी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्तों में मांगा जवाब.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में शराबबंदी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दायर तीन याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. इनमें से एक याचिका इंटरनेशनल स्पिरिट एंड वाइन्स एसोसिएशन आफ इंडिया की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. शराबबंदी कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. पटना हाई कोर्ट में इसी मुद्दे में दायर याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट में हस्तांतरित करने का आदेश दिया.

सोमवार को न्यायमूर्ति एएम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि इस कोर्ट के समक्ष समान मुद्दे विचारार्थ लंबित हैं, इसलिए यह उचित होगा कि हाई कोर्ट में दायर अन्य रिट याचिकाएं भी यहां ट्रांसफर कर दी जाएं. इन याचिकाओं की शीर्ष कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन याचिकाओं में बिहार मद्य निषेध एवं आबकारी अधिनियम, 2016 की वैधता को लेकर सवाल उठाया गया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह के लिए निर्धारित कर दी है.

गौरतलब है कि शराबबंदी कानून के कारण राज्य की अदालतों में बहुत ज्यादा मामले लंबित हैं. राज्य पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, इस कानून के तहत 3,48,170 मामले दर्ज किए गए और 4,01,855 लोगों को गिरफ्तार किया गया. गत अक्टूबर तक ऐसे मामलों से जुड़ी करीब 20,000 जमानत याचिकाएं विभिन्न कोर्ट में लंबित हैं.नीतीश सरकार शराब मामले से अदालत में बढ़ रहे मुकदमों को देखते हुए बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है.

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