मैं डर गया था लग रहा था रविवार की रात प्रलय की रात है : श्रीकांत प्रत्यूष.
सिटी पोस्ट लाइव :रात के बारह बजे हैं.रात साढ़े ग्यारह बजे अचानक बादल गरजने लगे.बिजली चमकने लगी.बिजली ऐसे लगातार चमक रही थी, मानों ये कभी भी मेरे आसपास गिर सकती है.बाहर खिड़की पकड़कर झांक ही रहा था कि तेज आवाज के साथ बिजली चमकी, लगा बिजली मेरे आगे ही गिर गई हो.खिड़की काँप रही थी.मुझे अपनी बिल्डिंग के हिल जाने का आभास हो रहा था.45 साल की उम्र में मैंने बहुत बारिश,आंधी तूफ़ान देखी है.लेकिन इस तरह से लगातार बिजली चमकने का और बिजली अपने ऊपर गिर जाने का ऐसा भय कभी मह्सुश नहीं हुआ.
मुझे लगा ये प्रलय की निशानी है.पहले से ही दुनिया कोरोना के कहर से बेहाल है फिर इस तरह से बिजली का चमकाना और गिरना सामान्य घटना तो कतई नहीं हो सकती.मैं छत पर तस्वीर लेने गया.हिम्मत कर मोबाइल से तस्वीर ले रहा था.हर दस सेकंड पर तेज बिजली चमक रही थी और उसकी रोशनी में अँधेरे में डूबा शहर साफ़ नजर आ रहा था.ऐसा आभास हो रहा था कि मैं मोबाइल फोन से तस्वीर खिंच कर बिजली को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा हूँ.ये बिजली कभी भी मेरे ऊपर गिर सकती है.डर से नीचे भागा तो मेरे छोटे बेटे ने बताना शुरू किया कि अभी अभी उसने अपने सामने वाले एशियाई सिटी हॉस्पिटल की खिड़की के पास बिजली को गिरते देखा है.
फिर मैंने तय किया कि इसका प्रॉपर विडियो बनाया जाए क्योंकि ऐसा नजार शायद फिर कभी देखने को नहीं मिले.मेरा बेटा भी कुछ ज्यादा ही उतेजित हो रहा था.शायद उसने ऐसा नजारा कभी नहीं देखा होगा.वो झट से नीचे दफ्तर गया और कैमरा लाइट लेकर आ गया.अब मैं स्थिति की भयावहता पर रिपोर्टिंग कर रहा था और मेरा बेटा मोबाइल से मेरा विडियो बना रहा था.पत्नी दरी सहमी लाइट दिखा रही थी.मैं रिपोर्टिंग कर रहा था और मेरे पीछे लगातार बिजली चमक रही थी.दर मुझे भी लग रहा था.इसलिए जल्दी से विडियो बनाया और छत से नीचे भागा.बिजली गुल थी और अब तेज आंधी चल रही थी.आंधी नहीं तूफ़ान.कमरे में बैठकर मैं ये कॉपी लिख रहा हूँ और तेज हवा के झोकें की आवाज अभी भी आ रही है.ये विडियो आप मेरे यूं ट्यूब चैनल सिटी पोस्ट पर जरुर देखिये.मैं भरोसा दिलाता हूँ, ऐसा नजारा आपने कभी नहीं देखा होगा.लेकिन वो अनुभव आपको यूं ट्यूब का विडियो देखकर नहीं मिलेगा जो मैंने अपनी छत पर रविवार की रात अनुभव किया है.
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