सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही हैं कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना के इलाज के आड़ में मरीजों का शोषण कर रहे हैं। इस तरह की कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि साक्ष्य के साथ जैसे ही एक ही शिकायत पहुंचेगी तो संबंधित निजी अस्पताल के लाइसेंस तक को रद्द करने में सरकार नहीं हिचकेगी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में भी इसे कमाई का जरिया बनाया जा रहा है। यह मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।
चार ज्यादा प्रभावित जिलों में 2 दिवसीय स्पीड टेस्टिंग, 40 हजार जांच का लक्ष्य
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित झारखंड के 4 जिलों मसलन रांची, जमशेदपुर, पलामू और धनबाद में अभियान चलाकर 2 दिन में 40 हजार टेस्ट किया जाएगा।उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में 10 हजार टेस्ट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर अन्य जिलों में भी अभियान की तैयारी की जाएगी।
बेड की कमी नहीं, एसिंप्टोमेटिक मरीजों के को किया जाए होम आइसोलेट
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो मौतें हुई है उसमें ज्यादातर मरीजों की मौत मल्टीप्ल ऑर्गन फैलियर की वजह से हुई है। बहुत कम ऐसे मरीज हैं जिनकी मौत का कारण कोरोना बना है। एसिंप्टोमेटिक मरीजों के होम आइसोलेशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्योंकि संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए कोशिश की जा रही है कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा जाए। यहां तक कि माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन में रखने की उन्होंने बात कही है। हालांकि उन्होंने कहा कि जिन मरीजों के साथ घर में आइसोलेशन योग्य सुविधा नहीं होगी, उन्हें सरकारी स्तर पर दूसरे जगहों पर रखा जाएगा।
कोरोना पर सरकार गंभीर, हर मुमकिन प्रयास किए जाएंगे
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार पहले दिन से गंभीर हैं, नए बेड बनाने के लिए सरकार विभिन्न विकल्पों पर ध्यान दे रही हैं।सरकार हर मुमकिन प्रयास कर रही हैं और आगे भी जरूरत पड़ी तो रणनीति बदलकर भी इससे लड़ा जाएगा।
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