सिटी पोस्ट लाइव: लालू प्रसाद का वायरल ऑडियो फिलहाल राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है और हर कोई इस ऑडियो के पीछे की पूरी सच्चाई जानने के फिराक में लगे हैं. दरअसल, लालू प्रसाद ने बीजीपी क्र नेता ललन पासवान को फ़ोन किया था. इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मोबाइल न. भी जारी किया था.
जानकारी के मुताबिक सुशील मोदी ने जिस नंबर का जिक्र किया है, वह नंबर लालू यादव के सेवक के रूप में तैनात इरफान अंसारी का है. वह खुद को लालू यादव का दत्तक पुत्र भी बताता है, लेकिन इसमें खास बात है कि इरफान अंसारी का फोन सुबह से ही डायवर्ट मोड में है. इरफान अंसारी को जेल प्रबंधन ने रिम्स डायरेक्टर बंगले में लालू प्रसाद के सेवादार के रूप में रहने की इजाजत दी है, लेकिन वह लालू के मैनेजर के तौर पर काम करता है. इरफान अंसारी न सिर्फ लालू प्रसाद की फोन पर लोगों से बात कराता है, बल्कि बाहर के लोगों की सूचनाओं को भी लालू तक पहुंचाता है. लालू के मैसेज और चिट्ठी बाहर पहुंचाने का भी काम इरफ़ान अंसारी ही देखता है.
खबर की माने तो बिहार चुनाव के दौरान भी नेताओं की चिट्ठियों को लालू तक पहुंचाते हुए अंसारी को देखा गया था. लालू यादव कब मिल सकते हैं और किससे मिल सकते हैं, यह भी इरफान ही तय करता है. इरफान अंसारी पार्टी महासचिव होने के साथ ही लालू का सेवादार भी है. राजद नेता और कथित सेवादार इरफान अंसारी, लालू प्रसाद का बेहद करीबी और विश्वसनीय इंसान है. लालू को जब किडनी की बीमारी थी, तब इरफान किडनी डोनेट करने को तैयार हो गया था.
इसके अलावे लालू प्रसाद के ऑडियो को लेकर जेल के आईजी बीरेंद्र भूषण का कहना है कि यह जिम्मेदारी जेल सुपरिटेंडेंट की है कि कोई कैदी नियम नहीं तोड़े. किसी भी सूरत में कैदी के पास मोबाइल नहीं पहुंच सकता है. उनका यह भी कहना था कि एक बार शिकायत मिलने पर पेइंग वार्ड में पहले भी छापेमारी की गई थी लेकिन तब लालू यादव के पास मोबाइल नहीं मिला था. यदि अभी लालू प्रसाद मोबाइल से बात कर रहे हैं तो यह नियमों के सख्त खिलाफ है.
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