सिटी पोस्ट लाइव, रांची: अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के कारावास की 42 महीने की अवधि आगामी 6 नवंबर को पूरा हो जाएगी। दुमका कोषागार से जुड़े अवैध निकासी के मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने सात वर्ष (84 महीने) की सजा सुनायी है। वर्ष 1997 और 2013 तथा वर्तमान में कारावास में रहने के कारण लालू प्रसाद ने कारावास में रहने की 42 महीने की सजा पूरी कर ली है और अगले महीने तीसरे महीने में उच्च न्यायालय से जमानत मिल जाने के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाने की संभावना है।
हॉफ सेंटेंस पूरा करने व खराब स्वास्थ्य को लेकर दायर की गयी है जमानत याचिका
लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि देवघर और चाईबासा के दो मामलों में झारखंड उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिल गयी है और अदालत के आदेशानुसार आज बेल बॉंड भर दिया गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद संभावना है कि 6 नवंबर को तीसरे मामले में उनकी ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई हो। अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि दुमका कोषागार से 3.13करोड़ की अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनायी है। अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 1997 में और 2013 में और वर्तमान समय में कारावास में काट रहे सजा की अवधि को जोड़ कर 6 नवंबर तक 42 महीने का कारावास पूरा हो जाएगा, जो अदालत द्वारा दी गयी सजा की अवधि की आधी है, इसलिए इस मामले में हॉफ सेंटेंस पूरा करने और खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने की गुहार उच्च न्यायालय में लगायी है।
बिहार चुनाव की व्यस्तता , मुलाकात के दिन भी लालू से मिलने कोई नहीं पहुंचा
इधर, दो वर्ष से अधिक समय से कारावास की सजा काट रहे लालू प्रसाद इन दिनों रांची स्थित रिम्स के केली बंगला में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। जेल मैनुअल के तहत प्रत्येक शनिवार को उनसे तीन लोगों को मुलाकात की अनुमति दी जाती है, लेकिन दुर्गा पूजा और बिहार विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के बीच आज भी नेता-कार्यकर्त्ता उनसे मिलने नहीं पहुंचा। वहीं नवरात्र में लालू प्रसाद केली बंगला में ही मां दुर्गा के आराधना में लीन है। लालू प्रसाद दिसंबर 2017 से रांची के जेल में बंद है और विभिन्न बीमारियों की वजह से पिछले दो वर्ष से अधिक समय से उनका रिम्स में ही इलाज चल रहा है। पहले उन्हें रिम्स के पेइंग में भर्ती किया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें रिम्स निदेशक के खाली पड़े केली बंगले में भर्ती कराया गया है।
चुनाव के पहले हर शनिवार परिजन या कोई नेता जरूरत मिलने पहुंचते थे
बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के पहले प्रत्येक शनिवार को लालू प्रसाद से मिलने आरजेडी नेता-कार्यकर्त्ता या उनके परिजन रिम्स पहुंचते थे, लेकिन जबसे बिहार चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से उनसे मिलने रांची पहुंचने वालों की संख्या कम या नगण्य हो गयी है। हालांकि पिछले दिनों लालू यादव के एक प्रशंसक की तरफ से गलत तरीके से मुलाकात करने को लेकर के मामला तूल पकड़ा चुका है। इस संबंध में जेल आईजी ने बताया कि किसी को लालू प्रसाद मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी गई थी, अगर इसके बावजूद भी कोई व्यक्ति लालू यादव से मुलाकात करता है तो स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है।
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