“लालू जी के लालन से भय के मारे चुहा बिल्ली बनि के ई लोग बिल में समा गेईलबा’
सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव जब से शुरू हुआ है, तब से राबड़ी देवी सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गईं हैं, और लगातार अपने विरोधियों पर हमलावर है. हालांकि बिहार लालू के उस ठेठ और गवईं अंदाज और मिजाज को मिस करता है जिसके लिए लालू जाने-पहचाने जाते रहे हैं. लेकिन लालू की कमी अब बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पूरी कर रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा है कि लालू जी के लालन चुवान मैदान में शेर बनिके दहाड़ ताड़न. जवना से भय के मारे चुहा बिल्ली बनि के ई लोग बिल में समा गेईलबा. अईसे चुहा-बिलाई में आपसी दुश्मनी रहेला लेकिन भय एईसन चीज़ बा की दु विचारधारा के लोग एक साथ रहता लोग। सुशासनों फेल बा.
लालू जी के लालन चुवान मैदान में शेर बनिके दहाड़ ताड़न। जवना से भय के मारे चुहा बिल्ली बनि के ई लोग बिल में समा गेईलबा। अईसे चुहा-बिलाई में आपसी दुश्मनी रहेला लेकिन भय एईसन चीज़ बा की दु विचारधारा के लोग एक साथ रहता लोग। सुशासनों फेल बा।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 16, 2019
इसके बाद राबड़ी का एक और ट्वीट आया, जिसमें उन्होंने कहा कि एगो कहावत बा.. ‘‘आपन कारज ना होत बा लेले फिरे समाज, चुहा बिल में समात बा पुँछ बान्हियो छाज’’ कहे के मतलब ई बा की ई लोग कौनो काम नईखे करत खाली रसमलाई में मलाई मिला के खाए के जुगार में लागल बा। अबरी बार जनता एकर रसमलाई खाईल छुड़ा दिहि।
एगो कहावत बा..
‘‘आपन कारज ना होत बा लेले फिरे समाज,
चुहा बिल में समात बा पुँछ बान्हियो छाज’’कहे के मतलब ई बा की ई लोग कौनो काम नईखे करत खाली रसमलाई में मलाई मिला के खाए के जुगार में लागल बा। अबरी बार जनता एकर रसमलाई खाईल छुड़ा दिहि।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 16, 2019
वहीँ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर तंज कसते हुए कहा है कि महागिरावटी दूसरों को महामिलावटी बोल रहे हैं.
महागिरावटी दूसरों को महामिलावटी बोल रहे है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 16, 2019
इससे पहले बुधवार को लालू यादव ने बिहारवासियों के नाम से एक संदेश लिखा था. उन्होंने कहा था कि मेरे प्यारे बिहारवासियों. इस महत्वपूर्ण चुनाव में झूठ के विक्रेता, पाखंड के उस्ताद, वादों के ठग, दावों के बाज़ीगर द्वारा झूठ के फ़्री, अविश्सनीय और अविश्वासी दौर में बड़े-बड़े जुमले फेंके जा रहे हैं. सभी झूठ को लपेट कर इनको अपनी जोरदार वोट की चोट से करारा जवाब देना है.
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