लाल कृष्ण आडवाणी ने बयां किया अपना दर्द-‘थोड़ा थक गया हूं, दूर निकलना छोड़ दिया है’
सिटी पोस्ट लाइवः भारतीय जनता पार्टी में अटल-आडवाणी युग का अंत हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं हैं और लाल कृष्ण आडवाणी राजनीति में मार्गदर्शक मंडल में डाल दिये गये और अब 2019 का लोकसभा चुनाव भी वे नहीं लड़ेंगे क्योंकि बीजेपी ने उन्हें गांधीनगर से टिकट नहीं दिया है उनकी जगह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधीनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी ने आडवाणी का टिकट काटा है या आडवाणी ने खुद हीं चुनाव लड़ने से मना कर दिया है यह अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन लाल कृष्ण आडवाणी ने अपना दर्द जरूर बयां किया है।
‘आडवाणी’ ने ट्विटर पर अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने लिखा कि-‘थोड़ा थक गया हूं दूर निकलना छोड़ दिया है। पर ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है।। फासले अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ा देते हैं। पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनों से मिलना छोड़ दिया है। हां जरा अकेला हूं दुनिया की भीड़ में। पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनापन छोड़ दिया है।’ लाल कृष्ण आडवाणी कभी बीजेपी में नंबर दो की हैसियत रखते थे और अटल बिहारी वाजपेयी और उनके बीच के जो रिश्ते रहे हैं वो बेहद प्रगाढ़ रहे हैं। बीजेपी में अटल-आडवाणी की जोड़ी को जय-वीरू की जोड़ी मानी जाती रही है।
थोड़ा थक गया हूँ दूर निकलना छोड़ दिया है।
पर ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है।।फ़ासले अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ा देते हैं।
पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनों से मिलना छोड़ दिया है।।हाँ.. ज़रा अकेला हूँ दुनिया की भीड़ में।
पर ऐसा नहीं कि मैंने अपनापन छोड़ दिया है।।— Lal Krishna Advani (@LKAdvaniBJP_) March 21, 2019
जाहिर है अटल बिहारी वाजपेयी के जाने के बाद आडवाणी ज्यादा अकेला महसूस करते हों क्योंकि आडवाणी ने जो बयां किया है उससे समझा जा सकता है कि आडवाणी चलना तो चाहते हैं मगर कोई है जो चलने से रोक रहा है, तन्हाई भी सालती है आडवाणी को इसलिए तो लिखा अकेला हूं दुनिया की भीड़ में। जाहिर है आडवाणी के इस ट्वीट में वो सबकुछ है जिससे उनका दर्द समझा जा सके। संभवतः यह दर्द अचानक मार्गदर्शक मंडल में डाल दिये जाने और एकाएक किनारे लगा दिये जाने का भी हो..।
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