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उपेन्द्र कुशवाहा ने कर दिया ऐलान, 6 दिसंबर को पार्टी NDA से हो जाएगी अलग

कुशवाहा ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की लगाई गुहार

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उपेन्द्र कुशवाहा ने कर दिया ऐलान, 6 दिसंबर को पार्टी NDA से हो जाएगी अलग

सिटी पोस्ट लाइव : “अब मेरे धैर्य की परीक्षा न ली जाए, अब तो लोग भी कहने लगे हैं कि और कितना अपमान सहेंगे आप? मेरे अपमान सहने की भी एक सीमा है, मैंने 30 नवंबर तक का समय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जी को दिया है, इस बीच मैं दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से मिलकर उन्हें स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहूॅगा, यदि फिर भी समस्या का समाधान नहीं निकला तो 4 दिसबंर से 6 दिसबंर तक बाल्मिकी नगर में होने वाले पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए से अलग होने के विषय मे फैसला लिया जाएगा।“

उक्त बातें शनिवार को न्यायिक व्यवस्था में न्यायाधीशों की न्युक्ति की प्रक्रिया में सुधार हेतु चलाए जा रहे आंदोलन हल्ला बोल, दरवाजा खोल के, प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन में शिरकत करने आए केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कही. बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में सीटों के बंटवारे पर छिड़ी जंग ख़त्म ही नहीं हो रही. जिसपर उपेन्द्र कुशवाहा ने अपना पक्ष अब साफ़ कर दिया है. 30 तारीख की डेडलाइन के बाद अब 6 दिसंबर की डेडलाइन फिक्स कर दी गई है. यदि 5 दिसंबर तक प्रधानमंत्री ने कोई फैसला नहीं लिया तो वो 6 दिसंबर को एनडीए को अलविदा कह देंगे.

मुंगेर के पोलो मैदान में उपेन्द्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए, पीएम मोदी से कहा कि “जिन लोगों ने आप को खाने पर बुलाकर सामने थाली देकर छीन लेने का काम किया, जिसने आपका इतना बङा अपमान किया, आप उसकी ओर तो दोस्ती का हांथ बढा रहे हैं, औेर जिस व्यक्ति ने आपका साथ उस समय से दिया जब आपके पार्टी के लोग भी आपके खिलाफ थे. आज वह उपेन्द्र कुशवाहा आपके लिए बेगाना हो गया“.  कुशवाहा ने प्रधानमंत्री से कहा कि “पटना वालों की नजर से आप मत देखिए, 2014 की तुलना से 2019 में हमारी पार्टी का जनाधार बढा है, उस हिसाब से हमारी सीटों कि संख्या भी बढनी चाहिए.

हालांकि उपेन्द्र कुशवाहा ने एनडीए से अलग होने के बाद महागठबंधन में जाने या फिर किसी तीसरे मोर्चे के निर्माण के विषय में पूछे गए प्रश्न को फिलहाल टाल दिया. लेकिन जिस प्रकार से उपेन्द्र कुशवाहा का दर्द आज छलक कर बाहर आया उससे इतना तो तय माना जाना चाहिए की रालोसपा और एनडीए की राहे 2019 के लोकसभा चुनाव में निश्चित रूप से जुदा होने वाली है. बॉल अब प्रधानमंत्री के पाले में है, देखने वाली बात यह होगी की उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा नरेन्द्र मोदी को की गई मार्मिक अपील कुछ रंग ला पाति है या नहीं. मंच पर उपेन्द्र कुशवाहा के साथ सितामढी के सांसद  राम कुमार शर्मा, रालोसपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि कुशवाहा के अलावे अन्य गणमान्य लोग उपस्थ्ति थे.

मुंगेर से अनुराग मधुर की रिपोर्ट 

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