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आज खत्म हो सकता है ‘कुशवाहा’ क्लाइमेक्स! उपेन्द्र कुशवाहा के मंत्री पद छोड़ने के कयास तेज

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आज खत्म हो सकता है ‘कुशवाहा’ क्लाइमेक्स! उपेन्द्र कुशवाहा के मंत्री पद छोड़ने के कयास तेज

सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर लंबे वक्त से चले आ रहे पाॅलिटिकल ड्रामे के लिए आज का दिन क्लाइमेक्स डे साबित हो सकता है। यह ड्रामा अब अपने पटाक्षेप की ओर बढ़ रहा है और संभवतः आज ‘कुशवाहा’ क्लाईमेक्स खत्म हो सकता है। दरअसल रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग में देरी और सीटी की संभावित संख्या से नाखुशी जाहिर कर चुके हैं। नाराजगी इस हद तक बढ़ी कि यह तय माना जाने लगा कि उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए छोड़ देंगे। खुद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी सीट शेयरिंग पर किसी भी बातचीत के लिए बीजेपी को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया। अल्टीमेटम खत्म होने के बावजूद भी जब बात नहीं बनी तो उन्होंने शिक्षा सुधार से जुड़ी 25 सूत्री मांगों को मानने की शर्त रख दी।

फिलहाल अब भी बात बनती नजर नहीं आ रही है। पार्टी सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक उपेन्द्र कुशवाहा आज मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उपेन्द्र कुशवाहा अभी केन्द्र में मानव संसाधन राज्य मंत्री हैं और उनके मंत्री पद से इस्तीफा देने के कयास तेज हैं। सूत्रों के मुताबिक उपेन्द्र कुशवाहा प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मंत्री पद छोड़ने का औपचारिक एलान कर सकते हैं। उपेन्द्र कुशवाहा आज मोतिहारी में एक रैली को संबोधित करेंगे। कयास  लगाये जा रहे हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा मोतिहारी में हीं अपने कार्यक्रम के दौरान किसी बड़े फैसले की घोषणा कर सकते हैं। हांलाकि यह कयास पहले से लगते रहे हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए छोड़ देंगे।

उनके महागठबंधन में जाने की चर्चा भी बिहार के राजनीतिक गलियारों में तेज रही है। महागठबंधन से उन्हें आॅफर भी मिले हैं लेकिन स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है उम्मीद जतायी जा रही है कि उपेन्द्र कुशवाहा आज क्लाइमेक्स को खत्म करेंगे। दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने को लेकर जो कयास लगाये जा रहे हैं उन कयासों की कई मजबूत वजहें हैं। मसलन उपेन्द्र कुशवाहा यह आरोप भी लगाते रहे हैं और यह दिखता भी रहा है कि बीजेपी उपेन्द्र कुशवाहा को तवज्जो नहीं दे रही। सीट शेयरिंग को लेकर उनके अल्टीमेटम केा बीजेपी ने कितनी गंभीरता से लिया यह जगजाहिर है।

उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का वक्त मांगा लेकिन मुलाकात नहीं हुई। अल्टीमेटम खत्म होने के बाद जब उपेन्द्र कुशवाहा ने शिक्षा सुधार की शर्त रख दी तो उल्टा जदयू उनपर और हमलावर हो गयी। जदयू खेमे से पूछा जाने लगा कि केन्द्र में मानव संसाधन राज्य मंत्री रहते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने शिक्षा के लिए क्या किया? जाहिर है जब तल्खी  इस हद तक हो तो कयास तो लाजिमी हैं किं दोस्ती दरकने वाली है और संभवतः यह दोस्ती टूट की ओर बढ़ भी रही है बस क्लाइमेक्स का इंतजार थोड़ा लंबा हो रहा है।

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