पैगामें-ए-खीर में कुशवाहा ने फिर साधा नीतीश पर निशाना, मांफी मांगने की दी सलाह
सिटी पोस्ट लाइव : पटना में रविवार को रालोसपा अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने पैगामें-ए-खीर कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान रालोसपा पार्टी के कई नेता मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान उपेंन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर से कुश समाज के चावल और यादव समाज की ओर से दूध से बनने वाली रालोसपा की खीर का जिक्र किया. साथ ही नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए, नीच वाले बयान पर मांफी मांगने की सलाह दी. बता दें ये वही खीर है जिसने रालोसपा का नाता महागठबंधन के साथ जोड़ा था. इतना ही नहीं नीतीश कुमार से लेकर सुशील मोदी तक इस खीर की सियासत में कूद पड़े थे.
आज उसी खीर का उपेन्द्र कुशवाहा ने स्वाद लिया. इस दौरान एक बार फिर कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऊँचे पद पर बैठे लोग राजनीति के लिए किसी को भी कुछ भी कह देते हैं. इससे जनता भ्रमित होती है. जैसे नीतीश जी ने उपेन्द्र कुशवाहा को नीच कह कह दिया, सोंचेने वाली बात है कि जब मुख्यमंत्री होकर किसी को नीच कहेंगे तो समाज में क्या सन्देश जायेगा. कुशवाहा ने कहा कि एक बार फिर मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूँ कि उन्होंने जो मेरे लिए शब्द कहे हैं, वो वापस ले लीजिये. आपसे गलती हुई है तो उसे मानने में आपकी भलाई है. इससे आपका कद बढेगा मेरा नहीं.
लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि घर में बननेवाली खीर तो सब खाते हैं लेकिन रालोसपा की खीर उस खीर से अलग है. उन्होंने कहा कि यहां बनने वाली खीर सामाज में सामाजिक सद्भवना और आपसी एकता का संदेश देती है. उन्होंने रालोसपा की खीर का महत्व बताते हुए एक बार फिर से रालोसपा की राजनीतिक समीकरण का इशारों इशारों में जिक्र कर दिया.
इस दौरान कुशवाहा ने कहा कि रालोसपा की खीर में कुश समाज का चावल, यदुवंशियों के यहां का दूध, ब्राह्मण समाज के घर की चीनी और गुड़, अतिपिछड़ा वर्ग के यहां का मावा मिलाया जाता है. इसके बाद में उन्होंने कहा कि रालोसपा की खीर तैयार होने के बाद दलित समाज की ओर से इसमें तुलसी डालकर इसे शुद्ध किया जाता है. इसके बाद मुस्लिम समाज के यहां से आई हुई दस्तरखान पर सब बैठकर बनी हुई खीर का आनंद लेते हैं.
संजीव आर्या की रिपोर्ट
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