सिटी पोस्ट लाइव :JDU नेता केसी त्यागी को पार्टी ने जिस तरह से जिम्मेवारी से मुक्त किया है, वह अंदाज उन्हें पसंद नहीं आया है.उनके अनुसार वो पार्टी से स्थापना काल से जुड़े हुए थे.वो खुद सांगठनिक कार्यों से अलग होना चाह रहे थे.उनका कहना है कि पार्टी ने उन्हें पद न देकर उनकी इच्छा का सम्मान किया, लेकिन जिस अंदाज से ये काम किया गया उन्हें खटक रहा है.उन्होंने कहा कि पद से हटने की सूचना उन्हें मीडिया से मिली.
गौरतलब है कि JDU ने बुधवार को सफाई देते हुए कहा कि -केसी त्यागी पार्टी के मजबूत स्तंभ के रूप में बने रहेंगे.राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने कहा- त्यागी के पद से हटने के बारे में मीडिया गलत संदेश प्रसारित कर रही है. जदयू ने मंगलवार को केंद्रीय पदाधिकारियों की सूची जारी की थी. इसमें राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और प्रवक्ता के रूप में केसी त्यागी का नाम नहीं था.पार्टी ने इसके अगले दिन अपनी ओर से आधिकारिक वक्तव्य भी जारी किया. इसके मुताबिक, पिछले साल 10 दिसंबर को आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में त्यागी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सांगठनिक कार्यों से मुक्त करने का आग्रह किया था.उनके बार-बार के अनुरोध पर सांगठनिक जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है.
पूर्व सांसद केसी त्यागी ने कहा कि वह 22 साल तक जदयू में पदाधिकारी रहे. उससे पहले चौधरी चरण सिंह और जार्ज फर्नांडीज के साथ संगठन के पदधारक रहे हैं.कुल 48 साल का सांगठनिक अनुभव है. अब संगठन से जुड़े रहने की इच्छा नहीं है. आरसीपी सिंह के अध्यक्ष रहने के समय भी उन्होंने संगठन से मुक्त करने का आग्रह किया था.आरसीपी के बाद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, लेकिन पदाधिकारियों का बदलाव नहीं हुआ था. अब बदलाव हुआ है.हम संगठन में नहीं हैं. केसी त्यागी ने कहा कि सूची में मेरा नाम नहीं है. यह सूचना मुझे पहले मिल जाती, तो अच्छा लगता.नए पदाधिकारियों की सूची में यह जिक्र रहता कि हमारी इच्छा का सम्मान करते हुए पदमुक्त किया जा रहा है, तो यह और अच्छा लगता.
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