सिटीपोस्टलाईव:अपने दफ्तर के क्लर्क के साथ अप्राकृतिक यौनाचार के आरोपी कटिहार के एडीएम जफ़र रकीब की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं . गुरुवार को कोर्ट नोटिस और इश्तेहार उसके सरकारी घर के दरवाजे पर चस्पा किया गया है.इस कोर्ट नोटिस में उसे एक महीने के अन्दर कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है.एडीएम अपने ऊपर आरोप लगने और थाने में मामला दर्ज हो जाने के बाद भी कई दिनों तक आराम से दफ्तर आता रहा .कामकाज निबटाता रहा.अचानक पुलिस ने उसे फरार घोषित कर दिया.
मीडिया में मामला उछलने के बाद एडीएम के खिलाफ पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया .लेकिन जब गिरफ्तारी की बारी आई तो उसे भगा दिया .पुलिस का कहना है कि एक टीम एडीएम को गिरफ्तार करने गई थी लेकिन वो पुलिस को देखकर फरार हो गए.लेकिन सबसे बड़ा सवाल –आज चार दिन हो गए इस एडीएम के खिलाफ थाने में मामला दर्ज हुए.लेकिन पुलिस ने आज क्यों उन्हें गिरफ्तार करने पहुँची.पुलिस को देखकर कैसे भाग गए.क्या पुलिस बजाते हुए एडीएम को गिरफ्तार करने गई थी.ये सारे सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि आरोप लगाने के बाद भी एडीएम दफ्तर आते रहे.कामकाज निबटाते रहे.फिर पुलिस गिरफ्तार करने गई तो उन्हें जमीं निगल गई या आसमान ?
गौरतलब है कि एडीएम जफ़र रकीब पर उनके ही दफ्तर के एक लिपिक ने अपने घर धोखे से बुलाकर जबरन अप्राकृतिक यौवानाचार करने का आरोप लगाया था.कटिहार डीएम से उसने इस बात की लिखित शिकायत की थी .डीएम के हस्तक्षेप के बाद ही थाने में मामला दर्ज हुआ था. उनके खिलाफ कांड संख्या 318/18 दर्ज है.इस बाबत जब सिटीपोस्ट ने एडीएम से उनका पक्ष जानना चाहां था तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने सिटीपोस्टलाईव के संवाददाता मुकेश सिंह से कहा था कि उनके ऊपर लगे आरोप मनगढ़ंत हैं.लेकिन उनके पास इस सवाल का जबाब नहीं था कि उनके ही दफ्तर का एक लिपिक ऐसा आरोप क्यों वेवजह लगाएगा ?
कौन बचा रहा है लिपिक से अप्राकृतिक यौनाचार के आरोपी एडीएम को ? गौरतलब है कि पुलिस ने आरोप लगने के बाद पीड़ित का बयान दर्ज कर दो बार मेडिकल जांच करवाई थी. दो मे से एक मेडिकल जांच मे आरोप सही पाया गया था .सबसे ख़ास बात आरोपी एडीएम की गिरफ्तारी की जगह उसके सरकारी आवास की सुरक्षा और भी बढ़ा दी गई थी.सबसे बड़ा सवाल अगर ये सुरक्षा इसलिए बढाई गई थी कि एडीएम फरार न हों तो फिर अचानक इस सुरक्षा घेरे को तोड़ एडीएम कैसे फरार हो गया ?
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