सिटी पोस्ट लाइव : बिहार देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां पूर्ण शराबबंदी है. सीएम नीतीश के शराबबंदी वाले राज्य में शराब बेचना, पीना और खरीदना अपराध है. लेकिन इस बात से नीतीश सरकार के सहयोगी दल इत्तफाक नहीं रखते. उन्हें लगता है कि थोड़ी छूट मिलनी चाहिए. यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शराब पीने का तरीका बताया है. और सीएम नीतीश से शराबबंदी कानून को संशोधित करने की वकालत की है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि शराब पीना गलत नहीं है. मेडिकल सांइस भी यही कहता है कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शराब का सेवन करना लाभदायक है. जीतन राम मांझी बीते बुधवार को बगहा पहुंचे थे जहां यह बातें कहीं. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि डीएम-एसपी से लेकर विधायक और मंत्री तक शराब पीते हैं, उन्हें तो कोई गिरफ्तार नहीं करता है.
मांझी ने कहा कि बिहार के पढ़े-लिखे वर्ग के लोग रात में दस बजे बाद शराब पीते हैं. यहां तक कि डॉक्टर-इंजीनियर भी शराब का सेवन करते हैं जबकि दबा कुचला वर्ग शराब पीने के आरोप में पकड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि आदिवासी और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोग देवी-देवताओं की पूजा के दौरान शराब चढ़ाते हैं, इसलिए शराबबंदी कानून पर सरकार को विचार करना चाहिए.
जीतन राम मांझी ने कहा कि आप लोग भी उन बड़े लोगों की तरह अपने घरों में रात को शराब पिएं, किसी को पता नहीं चलेगा. आप पीकर रोड पर निकलते हैं तो आपकी गिरफ्तारी होती है. दिन भर मजदूरी करने के बाद कोई 50 से 100 रुपये की शराब खरीदकर पी लेता है तो पुलिस जेल भेज देती है. उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता में ही शराब है, इसे हटाया नहीं जा सकता है.
वहीं उन्होंने लोगों को शराब न पीने की भी सलाह दी है. मांझी ने ये भी कहा कि शराब पीना बुरी बात है. मेरे घर में शराब बनती और बिकती थी लेकिन, मैंने अपनी मां और बाबूजी से कहा कि आपलोग इस धंधे को बंद कर दीजिए तो मैं बड़ा आदमी बनकर दिखाउंगा. मांझी ने कहा कि मेरे घर में शराब बननी और बिकनी बंद हो गई, जिसका परिणाम आज मैं आप लोगों के सामने खड़ा हूं. हम दोनों पिता-पुत्र ने आजतक शराब को हाथ नहीं लगाया. इसलिए मैं लोगों से अपील करूंगा कि शराब का सेवन न करें. यदि करना भी है तो दवा के रूप में डॉक्टर-इंजीनियर की तरह रात में दस बजे के बाद करें.