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अतिथि शिक्षक संघ के भूख हड़ताल में शामिल हुए जीतन राम मांझी, कहा-मांग जायज

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अतिथि शिक्षक संघ के भूख हड़ताल में शामिल हुए जीतन राम मांझी, कहा-मांग जायज

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि आज प्रदेश में शिक्षा की कमी है। लोग बेरोजगार हो रहे हैं। अच्‍छी शिक्षा न मिलने से युवाओं में भटकाव है। जनसंख्‍या के अनुसार विद्यालयों में शिक्षकों की संख्‍या कम है। आज शिक्षा को दुरूस्‍त करना अति आवश्‍यक है। ऐसे में अतिथि शिक्षक की नियुक्‍त की गई थी। आज ये अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं, जिनकी मांग जायज है। ये सभी शिक्षक प्रतिभावान हैं। सरकार को इनकी सेवा परमानेंट करना चाहिए। जीतन राम मांझी ने उक्‍त बातें बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ की ओर से आज पूरे बिहार के 4203 अतिथि शिक्षकों द्वारा पटना के गर्दनीबाग में आयोजित  एकदिवसीय भूख हड़ताल के दौरान कहा। इस दौरान उनके साथ जदयू के वरिष्ठ नेता श्री भगवान सिंह कुशवाहा, जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान परिषद गुलाम गौस और बिहार के शिक्षा मंत्री रामचंद्र पूर्वे शामिल हुए।

भूख हड़ताल की अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने की, संचालन संघ के प्रदेश महासचिव डॉ विपिन बिहारी और संचालन संघ के प्रदेश समन्वयक अजीत कुमार लोहिया ने किया। इस मौके पर बिहार के लगभग 4000 अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर उपवास पर बैठे रहे और न्याय के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। साथ ही 11 बिंदु का एक मेमोरेंडम भी संबंधित अधिकारियों को सौंपा।

मौके पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि हमारी मांग तब तक नहीं मानी जाती, तब तक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से रहकर हम गुहार लगाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए शिक्षा विभाग के नकारात्‍मक रवैये पर मुख्यमंत्री महोदय को अविलंब रोक लगानी चाहिए और हमारी सेवा को 60 वर्षों तक स्थायीकरण का अविलंब घोषणा कर देना चाहिए। उन्‍होंने अपनी मांग के बारे में कहा कि हमारी मांग सेवा 60 वर्षों तक नियमित करने, एसटीइटी 2019 में 4203 कार्यरत अतिथि शिक्षकों के के पदों को शिक्षा विभाग वित्त दिखाना तत्काल प्रभाव से रिक्त दिखाना तत्काल प्रभाव से बंद करने और मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान मोतिहारी में अतिथि शिक्षकों के शिष्टमंडल को आश्वासन को पूरा करने की है। उन्‍होंने मोतिहारी में कहा था कि हम लोग अतिथि शिक्षक नहीं रहेंगे, क्‍योंकि हमारी सेवा स्थाई कर दी जायेगी।

मगर, मुख्यमंत्री महोदय के नियमितीकरण करने के आश्वासन के बाद भी शिक्षा विभाग का नकारात्मक रवैया अपनाते हुए शिक्षा मंत्रालय ने एसटीइटी 2019 में हमारे 4203 पदों को रिक्त दिखाने का काम किया गया है, जो लोकतंत्र की हत्या है। संघ इसकी निंदा करती है। शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

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