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अपने बेटे को CM बनाना चाहते हैं जीतन मांझी.

महागठबंधन में घमाशान, कुशवाहा के बाद मांझी के 'विद्रोही' तेवर, कहा- मेरा बेटा ज्यादा पढ़ा-लिखा.

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सिटी पोस्ट लाइव :महागठबंधन में रार मची हुई है.सुधाकर सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा के बाद अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) महागठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं.जीतन मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा के समानांतर अपनी गरीब संपर्क यात्रा (Garib Sampark Yatra) पर हैं. उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान कई बार इशारों-इशारों में सीएम नीतीश एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर हमला भी बोला है. अब उन्होंने अपने बेटे संतोष मांझी को बिहार का सीएम बनाने की मांग रखकर महागठबंधन के प्रमुख नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है.

मांझी ने अपनी यात्रा के दौरान अरवल में कहा, जब हमारे समाज के लोगो प्रतिनिधित्व नहीं होगा तक उत्थान नहीं होगा. 75 सालों में कई सरकारें आईं, लेकिन हमारे लोग नहीं आये. हमारे लोग 9 महीना आये, लेकिन वह लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ. आज इसीलिए संतोष का नाम लेते हैं, वो पढ़ा लिखा है इसलिए हम संतोष का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रेषित करते हैं.मांझी ने आगे कहा, संतोष को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. मुख्यमंत्री के लिए बहुतों का नाम आता है, वैसे लोगों को पढ़ा सकता है. वह नेट है. प्रोफेसर है. सब कुछ है. सिर्फ यही है कि वह भुइयां जाति से आता है. जो दलित हैं, गरीब तबके के लोग हैं जिसकी आबादी 90 प्रतिशत है, उसका नेतृत्व नहीं होगा?

गौरतलब है कि जीतन मांझी ने बुधवार को उन्होंने जहानाबाद में नीतीश सरकार (Nitish Government) की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे. अगले दिन गुरुवार को अरवल में तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा. उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब जीतन राम मांझी महागठबंधन के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं.सवाल ये भी उठता है कि जीतन राम मांझी के इस बयान से उनके पुत्र की मंत्री की कुर्सी तो खतरे में नहीं पड़ेगी. उनके पुत्र बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन कहते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है. मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं. जनता का प्यार-सम्मान पाने के लिए और ऊर्जा के साथ काम करूंगा.

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