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महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फंसे पेंच को सुलझाने के लिए मांझी का फ़ॉर्मूला फेल

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महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फंसे पेंच को सुलझाने के लिए मांझी का फ़ॉर्मूला फेल

सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर बिहार के सभी राजनीतिक दलों में कवायद तेज हो गई है. एनडीए में सीट शेयरिंग पर चुटकी लेने वाले राजनेता अब खुद अपनी पेंच को सुलझाने में जुट गए हैं. NDA के बाद अब सीटों का पेंच महागठबंधन में फंसता दिख रहा है. जहां कांग्रेस पार्टी के वरीय नेता कौकब कादरी ने पहले ही सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. वही अब जीतनराम मांझी द्वारा सुझाया गया फ़ॉर्मूला फेल होता दिखाई दे रहा है.

दरअसल हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने कॉर्डिनेशन कमिटी बनाने का  फॉर्मूला दिया था. जिसपर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी की मांग का समर्थन करते हुए कहा था कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के लिए कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी. उन्होंने साफ कहा था कि अगले 2 से तीन दिनों में सीट शेंयरिंग पर फैसला लेने के लिए यह कमेंटी बनकर तैयार हो जाएगी. जिसके लिए राजद, कांग्रेस और हम के बीच बातचीत जारी है. लेकिन कई हफ़्तों के बाद भी इस मामले पर कोई फैसला नहीं आया है. मतलब यह फॉर्मूला अब ठन्डे बस्ते में चला गया है.

इसे लेकर न कांग्रेस कुछ कहने को तैयार है और न राजद. वहीं हम पार्टी में सीटों को लेकर बेचैनी बढती जा रही है. बता दें यह पहला मौका नहीं था. जब किसी ने  कॉर्डिनेशन कमिटी बनाने का फॉर्मूला सुझाया हो. इसके पूर्व 2016 में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह भी कॉर्डिनेशन कमिटी की वकालत करते रहे हैं. बहरहाल मांझी को उम्मीद थी कि उनका सुझाव सहयोगी दलों को मान्य होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

ख़बरों के मुताबिक राजद नेता तेजस्वी यादव इस फोर्मुले के तहत सीटों के बंटवारे के लिए तैयार नहीं हैं, हालांकि कांग्रेस इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. राजद के इन्कार के साथ यह तय हो गया है कि कॉर्डिनेशन कमिटी का मामला अब खटाई में है. हालांकि इस मामले में हम को अब भी उम्मीद है कि महागठबंधन में इस फॉर्मूले के तहत ही सीटों का बंटवारा होगा. अब देखना है कि क्या nda की तरह ही महागठबंधन में सीटों को लेकर रार फैलता है या सब शांति के साथ हो पायेगा.

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