‘तीर’ चलने से पहले ही JDU का ‘प्लान BJP’ फुस्स!
CM की कुर्सी नहीं मिली तो अगले विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार की कितनी सुनेगें तेजस्वी यादव.
सिटी पोस्ट लाइव : पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को गोलबंद करने और उसे उखाड़ फेंकने का ऐलान करने वाले नीतीश कुमार ने शनिवार को अपनी चुप्पी और मीडिया को दिए गए बयान से हैरान कर दिया.राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग में सीएम नीतीश ने संबोधन ही नहीं किया.पत्रकारों के सवाल का जबाब देते हुए कहा कि 2024 चुनाव को लेकर जो भी काम है, वह ललन सिंह देखेंगे.जाहिर है विपक्षी एकता को लेकर सारा काम भी जेडीयू अध्यक्ष के ही जिम्मे होगा.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बीजेपी को कई फ्रंट पर घेरने की कोशिश में जुटे नीतीश कुमार कई मोर्चे पर फेल होते नजर आ रहे हैं.
नीतीश कुमार अक्सर कहा करते थे कि देश में विपक्षी एकता बना कर रहेंगे. नीतीश कुमार दावा करते थे कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी कहीं की नहीं रहेगी. नीतीश कुमार दिल्ली जाकर विपक्षी नेताओं से मिले भी थे. हालांकि किसी नेता ने नीतीश से मुलाकात के दौरान विपक्षी एकता पर बात नहीं की.सोनिया गांधी ने उन्हें तरजीह नहीं दी.कांग्रेस के ‘सोचेंगे’ वाले बयान से उन्हें झटका लगा. सीएम नीतीश की योजना देश के छोटे और क्षेत्रीय दल आसानी से सफल होने देगें नहीं क्योंकि सबकी अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा है.
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम काफी जरूरी है. लेकिन नीतीश कुमार ने जिस तरह बयान दिया, उससे तो यही लग रहा है कि उनको भाव नहीं मिल रहा.अब उन्होंने सारी जिम्मेवारी ललन सिंह को सौंप कर अपना पीछा छुड़ा लिया है.अगर नीतीश कुमार के नाम पर विपक्षी एकता नहीं बनी तो तेजस्वी यादव का क्या होगा? उन्हें कब मिलेगी सीएम की कुर्सी? सीएम की कुर्सी नीतीश कुमार ने उनके लिए नहीं छोडी तो उनके साथ आने के बाद दो उप चुनाव हर चुके तेजस्वी यादव क्अया गले विधान सभा चुनाव में उनकी सुनेगें?
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