मोदी सरकार के नागरिकता बिल का राज्यसभा में विरोध करेगी JDU, राम मंदिर पर भी कड़ा रुख
सिटी पोस्ट लाइव : BJP के लिए एक बहुत बुरी खबर है. बिहार की राजधानी पटना में रविवार को जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक में अहम् फैसले लिए गए हैं. सबसे बड़ा फैसला असम नागरिकता बिल का विरोध और राम जन्मभूमि विवाद से सम्बंधित है.. वैसे JDU शुरू से ही इस मुद्दे को लेकर आपत्ति जताती रही है .लेकिन आज पार्टी की राष्ट्रिय कार्यकारिणी की बैठक में भी जेडीयू ने इस बिल का राज्यसभा में विरोध करने का और कोर्ट के निर्देशानुसार राम जन्म-भूमि विवाद के निबटारा किये जाने के पक्ष में अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहने का फैसला ले लिया है.
तीन घंटे तक चली हाई लेवल मीटिंग के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा है कि ‘समाजवादी आंदोलन की विरासत के सवाल पर जेडीयू अपने पुराने स्टैंड पर कायम है. चाहे वह धारा 377 हो, यूनिफार्म सिविल कोड हो या रामजन्म भूमि का विवाद हो. जेडीयू राज्यसभा में असम नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि सदन से वॉकआउट करना एक तरह से समर्थन करना होता है. कांग्रेस सदन से वॉकआउट करके इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करना चाहती है.केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू असम में होने वाली असम गण परिषद की रैली में भी शामिल होगी. इसके लिए पार्टी की तरफ से वो प्रशांत किशोर के साथ असम जाएंगे. ये दोनों नेता 22, 23 और 24 जनवरी को असम में रहेंगे. लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक फरवरी में होगी.
गौरतलब है कि BJP के नेता लगातार राम मंदिर भूमि विवाद को हवा दे रहे हैं.राम जन्मभूमि विवाद के बहाने ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में अपना स्टैंड साफ़ कर दिया है कि इस विवाद का निबटारा केवल कोर्ट या आपसी सहमति से होना चाहिए. यानी BJP को राम मंदिर को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने से रोक दिया है.वैसे भी नीतीश कुमार BJP के साथ सरकार चलाने के वावजूद भी अपने सेक्यूलर अजेंडे को आगे बढाते रहे हैं.जाहिर जब आंच उनके सेक्यूलर क्रेडेंशियल पर आयेगी तो वो कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं.
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