City Post Live
NEWS 24x7

NPR को लेकर JDU में बवाल, पवन वर्मा ने CM नीतीश से पूछा, ‘क्यों शुरू हो रहा है NPR’?

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

NPR को लेकर JDU में बवाल, पवन वर्मा ने CM नीतीश से पूछा, ‘क्यों शुरू हो रहा है NPR’?

सिटी पोस्ट लाइव : एक तरफ बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी 15 मई से NPR का काम शुरू कर देने का एलान कर दिया है वहीं JDU के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा (Pawan Verma) ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से संशोधित नागरिकता कानून, एनपीआर (NPR) और एनआरसी (NRC) को पूरी तरह अस्वीकार करने की मांग कर दी है. वर्मा का कहना है कि इस एक्ट का एजेंडा भारत को बांटने और सामाजिक विद्वेष को बढ़ावा देना है.

सीएम नीतीश कुमार को लिखी खुली चिट्ठी में वर्मा ने बीजेपी के कोटे से बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के प्रदेश में 15 और 28 मई राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से संबंधित कार्यों की शुरुआत की एकतरफा घोषणा पर आश्चर्य व्यक्त किया है. वर्मा का कहना है कि खुद बिहार के सीएम नीतीश कुमार इसके खिलाफ हैं.

वर्मा ने यह नीतीश कुमार को अपने पत्र में लिखा है-‘आपके खुद के दिए बयानों और लंबे समय से स्थापित सेक्यूलर विजन को देखते हुए मैं आपसे इसके खिलाफ सैद्धांतिक पक्ष के साथ खड़े होने की अपील करता हूं.’  पवन वर्मा ने कहा है कि उनका मानना है कि देश को विभाजित और बेवजह की सामाजिक अशांति खड़ा करने वाले इस योजना को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को प्रदेश में खारिज करना चाहिए.

अपनी चिट्ठी में वर्मा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को यह भी सलाह दी है कि इस संबंध में वे (नीतीश कुमार) सार्वजनिक बयान देकर साफ तौर पर अपनी राय जाहिर करें. वर्मा का कहना है कि सीएम का इस तरह का कदम देश को सुरक्षित रखने और मजबूत बनाने में मदद करेगा, जिसके लिए वो और मैं (पवन वर्मा) प्रतिबद्ध हैं. उनका मानना है कि सिद्धांत की राजनीति को अल्पकालीन राजनीतिक लाभ के लिए नहीं छोड़ना चाहिए.

गौरतलब है कि जनता दल (यू) के नेता पवन वर्मा पार्टी के संसद में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन देने के बाद नाराज चल रहे हैं. संसद में इस बिल के पास होने के बाद उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और संगठन के खिलाफ सार्वजनिक रुप से कई बार बयान दिया है. संसद की दोनों संसद में नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के बाद यह कानून लागू हो चुका है.  जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी सीएए के विरोध में आवाज उठाई है.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.