सिटी पोस्ट लाइव :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक दलों की गोलबंदी में क्या जुटे,RJD नेताओं ने तेजस्वी यादव को CM बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया है.इतना ही नहीं, RJD नेता शिवानन्द तिवारी ने तो नीतीश कुमार को आश्रम खोलने की सलाह तक दे डाली है.शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) के बयान से विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) में विवाद भी खड़ा हो गया है.आरजेडी के राज्य परिषद की बैठक में शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार साल 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में जीत के बाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएं तथा खुद के लिए आश्रम खोल लें. वे आश्रम खोलकर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की बात पहले कहते रहे हैं, इसलिए उन्हें आश्रम खोलना चाहिए.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मौजूदगी में दिए गए शिवानंद तिवारी के इस बयान पर जेडीयू की ओर से उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ करोड़ों देशवासियों की दुआएं हैं, जो उन्हें सत्ता के ऊंचे से ऊंचे शिखर पर रहते हुए बिहार व देश की सेवा करते देखना चाहते हैं. उन्होंने शिवानंद तिवारी को नसीहत दी कि यदि उन्हें जरूरत है तो कोई और आश्रम तलाश कर लें.शिवानंद तिवारी व उपेंद्र कुशवाहा के उक्त बयानों के बीच आरजेडी व जेडीयू के अन्य बड़े नेताओं ने सधी प्रतिक्रियाएं दी हैं. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि तेजस्वी यादव को अभी कोई कोई जल्दी नहीं हैं.
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या साल 2024 के लोकसभा चुनाव या 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय तेजस्वी यादव को कमान दी जाएगी?जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा युवाओं को आगे करने की बात कही है. इसी क्रम में उन्होंने तेजस्वी की ओर इशारा कर उन्हें आगे बढ़ाने की बात कही. सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जनता ने मुख्यमंत्री को 2025 तक बिहार की सेवा करने का निर्देश दिया है.
बहरहाल, नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के दावेदार होने से इनकार के बीच उन्हें विपक्ष का प्रधानमंत्री चेहरा मानने वालों की कमी नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा सहित जेडीयू के कई नेता पहले कह चुके हैं कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण मौजूद हैं. ऐसे में बात आम सहमति पर टिक जाती है. माना जा रहा है कि अगर विपक्ष में आम सहमति बनी, तो ऐसा संभव है. हालांकि, फिलहाल इस बाबत कुछ भी निश्चित तौर पर कहना संभव नहीं है.
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