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RJD-JDU एक ही राजनीतिक परम्परा की वाहक : केसी त्यागी

आरजेडी के कई नेता विधायक हैं JDU के संपर्क में, पार्टी में बड़े टूट की संभावना से उड़ी लालू की नींद

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सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू (JDU) के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) के इस बयान के बाद कि  समान विचारधारा और समान कार्यक्रमों के कार्यकर्ताओं के लिए जेडीयू का दरवाजा हमेशा खुला रहता है. हम लोग नीतीश जी और उसके पहले लालू जी के नेतृत्व में इकट्ठे हुए थे, इसमें कुछ अस्वाभाविक नहीं है, अटकलों का बाज़ार गरम हो गया है.बिहार (Bihar) की राजनीति में किसी बड़े उलटफेर की अटकलें लगाईं जाने लगी हैं. सूत्रों के अनुसार तेजस्वी की राजनीतिक निष्क्रियता से घबराए आरजेडी के विधायक विधान सभा चुनाव को लेकर चिंतित हैं और वो लगातार जेडीयू नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं.

गौरतलब है कि आज आरजेडी की बैठक में तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे. बैठक 11 राबडी देबी के आवास पर होनी थी लेकिन अचानक बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई. आरजेडी के विधायक राबडी देबी के घर से वापस लौटने लगे.तेजस्वी यादव के लगातार पार्टी की गतिविधियों से अलग रहने की वजह से पार्टी में टूट की संभावना प्रबल हो गई है. जेडीयू के एक नेता का कहना है कि आरजेडी और जेडीयू एक ही राजनीतिक परम्परा की वाहक रही हैं. दोनों का कैडर भी एक ही है. इसकी मेंबरशिप अलग से लेने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि ये ट्रांसफेरेबल ( Transferable ) है.

अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता कहते है-जब  आरजेडी में जब निराशा होती है और वहां जब एडजस्टमेंट ठीक से नहीं होता है तो स्वाभाविक तौर पर वहां का कार्यकर्ता जेडीयू का मेंबर बन जाता है. फ़ातमी जी हैं, उन्हें सेकंड नहीं लगा जेडीयू में शामिल होने में. जेडीयू नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से आरजेडी में कुछ भी ठीक नहीं है. पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है. परिवार में भी ठीक नहीं है, महागठबंधन में भी ठीक नहीं है.

गौरतलब है कि बिहार की बढ़ती सियासी सरगर्मी के बीच तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता को लेकर महागठबंधन में कई सवाल उठने लगे हैं.लालू यादव के करीबी विधायक भाई वीरेंद्र कह चुके हैं कि किसी के रहने या नहीं रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता. पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी भी तेजस्वी की नेतृत्व शैली पर सवाल खड़े कर चुके हैं.पार्टी के अधिकतर नेता नीतीश कुमार के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं.

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