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“विशेष” : भारत के साथ ईरान भी पाकिस्तान पर हमले के लिए है तैयार

अमेरिका ने अपने नागरिक सहित दूतावास अधिकारियों को वापिस अमेरिका बुलाया

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“विशेष” : भारत के साथ ईरान भी पाकिस्तान पर हमले के लिए है तैयार

सिटी पोस्ट लाइव : कश्मीर के पुलवामा में बीते 14 फरवरी को सीआरपीएफ दस्ते पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ जिसमें 44 जवान शहीद हो गए। इस घटना के बाद भारत की मदद के लिए सबसे पहले इजराईल आया। इसके बाद अमेरिका, रूस, फ्रांस सहित कई देशों ने हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। इजराईल ने आधे घंटे में पाकिस्तान को नस्तनाबूत करने की धमकी दी, तो अमेरिका ने परमाणु हमले के लिए उसे तैयार रहने के लिए कहा। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तो बड़े साफ लहजे में कहा है कि भारत जिस तरह से चाहेगा रूस मदद के लिए तैयार है। हांलांकि चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ है।

आज अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक आपात्कालिन बैठक के बाद पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास के सारे अधिकारियों सहित अमेरिकी नागरिक को स्वदेश लौटने का निर्देश जारी किया है। इधर आज भारत में भी आयोजित सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान को करारा जबाब देने पर सामूहिक मुहर लग गयी। यानि हम यहाँ यह साफ कर दें कि भारत युद्ध की तैयारी शुरू कर चुका है लेकिन हम किसी भी रणनीति का खुलासा नहीं करेंगे। हांलांकि पूरा देश पाकिस्तान से बदला और सिर्फ युद्ध चाहता है। यहाँ यह बताना बेहद जरूरी हो गया है कि इसी तरह का हमला पाकिस्तान के पड़ोसी मुल्क ईरान में भी 13 फरवरी को हुआ था। आत्मघाती हमलावर ने ईरान के रेवल्यूशनरी गार्ड्स की बस को निशाना बनाया था जिसमें रेवल्यूशनरी गार्ड्स के 27 जवानों की मौत हुई थी और 20 के करीब जवान घायल हुए थे।

रेवल्यूशनरी गार्ड्स की यूनिट पर हमला पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा के 909 कि.मी. की दूरी पर ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान में यह हमला हुआ था ।IRGC (इस्लामिक रेवल्यूशनरी गार्ड्स एंड कॉर्प्स) ईरान का प्रमुख सैन्य बल है। ईरानी रेवल्यूशनरी गार्ड्स पर हमले की ज़िम्मेदारी अल-कायदा से जुड़े समूह जैश अल-अदल ने ली थी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। जानकारों की मानें,तो जैश अल-अदल का सम्बन्ध विश्व के सबसे बड़े आतंकी संगठन अल-कायदा है। जिसे 2012 में एक और संगठन जुंदाल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में गठित किया गया था।

सारा विश्व जानता है कि अल-कायदा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन खड़े करने के पीछे पाकिस्तान के सरकारी संगठन आईएसआई (इंटर सर्विसेज इंटैलिजेंस) का हाथ रहा है। आईएसआई के द्वारा खड़े किए गए बड़े आतंकी दलों में जैश ए मोहम्मद, अल कायदा के अलावा और भी कई संगठनों के नाम भी लिए जाते हैं ।मसलन लश्कर ए तैयबा,हिज्बुल मुजाहिदीन, अल बदर, हरकत उल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान उसमें शामिल हैं ।ईरान में हुए हमले की जिम्मेदारी जैश अल-अदल आतंकी संगठन ने ली थी जिसके तार अल-कायदा से जुड़े हैं। अल-कायदा अपनी गतिविधियों का संचालन पाकिस्तान से करता है।

सिस्तान प्रांत में हुआ हमला ईरान द्वारा इस्लामिक क्रांति की 40 वीं वर्षगांठ मनाने के महज दो दिन बाद हुआ। इस दिन अमेरिका द्वारा वारसॉ में एक आवश्यक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में मध्य पूर्व क्षेत्र में ईरान के घातक प्रभाव के बारे में विचार किया जाना था। यहाँ सबसे अहम बात यह है कि ईरान के IRGC पर आतंकी हमले के लिए ईरान की ओर से भी बदला लिए जाने की बात कही गई है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि आतंकवादी यह हमला करने में इसलिए सक्षम थे, क्योंकि इन क्षेत्रों में उन्हें कुछ देशों का समर्थन मिलता है। बहराम कासिमी ने हमले की निंदा करते हुए कहा है की इस हमले में शहीद होने वाले शहीदों के खून का वे बदला लेकर रहेंगे। यानि ईरान पाकिस्तान पर हमले की तैयारी में जुटा हुआ है।

इधर भारत की ओर से भी पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा बलों को आगे की कार्रवाई के लिए हर तरह की आजादी दे दी गयी है। पीएम मोदी द्वारा अर्धसैनिक बलों और सेना को खुली छूट देने और कार्रवाई करने की बात कहने का साफ मतलब है कि भारत ने पाकिस्तान से युद्ध का पूरा मन बना लिया है। वैसे पूरा देश पाकिस्तान पर हमले के इंतजार में है। अब सर्जिकल स्ट्राईक,या फिर कोई और नाम देकर पाकिस्तान पर हमला हो, लोग बस युद्ध देखना चाहते हैं। वैसे जनता की जानकारी के लिए हम इतनी जानकारी साझा करना जरूरी समझते हैं कि सीमा पर तोप और टैंक लगने शुरू हो चुके हैं। अब आगे देखना यह है कि पहले हमला ईरान करता है,या फिर भारत?

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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