अनुशासनहीनता बनी बिहार कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.
बिहार कांग्रेस के 5 नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस, एक सप्ताह में माँगा गया है जबाब.
सिटी पोस्ट लाइव :कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती अनुशासनहीनता है.एक तरफ राहुल गांधी देश भर में भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी की छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी में ही एकता की कमी है. पार्टी नेताओं की अनुशासनहीनता सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. बिहार प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष कृपाशंकर पाठक ने पार्टी के पांच नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह के बारे में इंटरनेट मीडिया पर तथ्यहीन, असत्य और अशोभनीय टिप्पणी व सामग्री डालने के मामले में यह नोटिस दिया है.पार्टी के जिन पांच नेताओं को नोटिस जारी किया गया है उनमें सिद्धार्थ क्षत्रिय, प्रभात कुमार चंद्रवंशी, अरशद अब्बास आजाद, शकीलुर रहमान तथा प्रवीण शर्मा हैं.इन सभी नेताओं को जारी नोटिस का जवाब एक सप्ताह के अंदर देना होगा. अगर एक सप्ताह के अंदर जवाब नहीं दिया गया तो उन पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष डा. अखिलेश सिंह को लेकर विगत तीन मार्च से इंटरनेट मीडिया पर इन पांच नेताओं के द्वारा आपत्तिजनक सामग्री प्रचार के लिए डाली गई थी, जिसे लेकर पार्टी के अनुशासन समिति के द्वारा इन पर कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मुद्दों की समिति की पहली बैठक 11 मार्च का आहूत की गई है. बैठक में प्रदेश में पार्टी की मजबूती, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.बिहार कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष पद का जिम्मा पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य डा. अखिलेश प्रसाद सिंह को सौंपने के बाद राजनीतिक मुद्दों की अलग समिति के गठन का प्रस्ताव पास हुआ था.
पार्टी के राष्ट्रीय आलाकमान की सहमति से बनी इस समिति में अध्यक्ष पद का जिम्मा पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार को सौंपा गया. पद संभालने के बाद निखिल कुमार ने 11 मार्च को समिति की पहली बैठक बुलाई है.बैठक में बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. अखिलेश सिंह, विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, विधान परिषद में दल के नेता व पूर्व अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे.
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