सिटी पोस्ट लाइव : लॉकडाउन के बाद बिहार लगातार अनलॉक की तरफ बढ़ रहा है.अभी अनलॉक 3 चल रहा है. अनलॉक को लेकर कई नियम बनाए गए हैं..इसमें अलग-अलग दिन दुकानों को खोलने का भी नियम बनाया गया. कोई नियम और गाइडलाइन पटना में काम नहीं कर रही है. भीड़भाड़ वाले स्थानों में कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया ही नहीं जा रहा है. इस कारण से पटना में कोरोना के तीसरी लहर के आने का बड़ा खतरा पैदा हो गया है.
दिल्ली AIIMS के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी थी कि यदि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया और भीड़ नहीं रोकी गई तो अगले 6 से 8 हफ्ते में महामारी की तीसरी लहर देश में दस्तक देगी. इस बड़ी चेतावनी के बाद भी पटना में कोरोना की गाइडलाइन का कोई असर नहीं है. अनलॉक होते ही बाजार में भीड़ के बीच प्रोटोकॉल टूट रहा है. भीड़ में हर इंसान कोरोना संक्रमण का खतरा लेकर घूम रहा है.शासन-प्रशासन भी सुस्त पड़ता दिखाई दे रहा है.प्रोटोकॉल के पालन को लेकर कोई सख्ती नहीं दिख रही है.
कोरोना का प्रोटोकॉल पालन करने के लिए धावा दल का गठन किया गया है. इसमें मजिस्ट्रेट तैनात कर हर एरिया में लगाया गया है.सभी को भीड़ नहीं इकट्ठा होने देने के लिए कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है. दुकानों पर प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने पर दुकानों को सील करने का भी अधिकार उन्हें है. लेकिन अनलॉक 3 में पटना में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. पटना के सबसे बड़े बाजारों में भीड़ कोरोना को दावत दे रही है. पटना की सबसे बड़ी मंडी खेतान मार्केट, हथुआ मार्केट और बारी पथ में गाइडलाइन का कोई पालन नहीं हो रहा है. शब्जी मार्किट सबसे बड़ा जरिया संक्रमण का बना हुआ है.
लॉकडाउन में कोरोना के कम होते ग्राफ ने यह बता दिया है कि कोरोना को काबू में लाने के लिए सोशल डिस्टेंस का नियम सबसे कारगर है. बिहार में 5 मई से लॉकडाउन लगाया गया। 5 मई को राज्य में एक दिन में संक्रमण के 14836 मामले आए. लॉकडाउन के बाद इसमें तेजी से कमी आई. लॉकडाउन में जैसे-जैसे सख्ती बढ़ाई गई, कोरोना का आंकड़ा कम होता गया.25 दिन बाद ही 31 मई को संक्रमण के नए मामले घटकर 1113 पर आ गए. लॉकडाउन की सख्ती के साथ 5 जून को नए मामले 1007 आ गए. 21 जून को संक्रमण के नए मामले 245 पहुंच गए. संक्रमण का यह आंकड़ा सख्ती के कारण ही कम हुआ है. लेकिन फिर भी लोग गाईडलाइन का पालन करने को तैयार नहीं हैं.
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