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आने वाले समय में झारखण्ड की बेटियां हर क्षेत्र में अलग पहचान बनाएंगी: मुख्यमंत्री

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड की महिलायें अपने आत्मबल, विश्वास और कार्यशैली से अपने मुकाम पर पहुंच रहीं हैं। मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ है। जिस लक्ष्य और संकल्प के साथ आप आगे बढ़ना चाहती हैं, उस ओर लगातार बढ़ती रहें। झारखंड में महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण का कार्य हो रहा है। यह जरूरी है, अगर महिलाएं मजबूत होती हैं, तो आने वाली पीढ़ी को भी मजबूती मिलती है। देश के विभिन्न कोनों में शहरी व ग्रामीण महिलाओं की समाज के प्रति जो भूमिका, सहभागिता रही है, वह प्रशंसनीय है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में रांची में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही।

विगत एक साल से हम सभी महामारी से जूझ रहे हैं। बदलाव सृष्टि का नियम है। अगर हम बदलना नहीं चाहते, तो वक्त बदल देता है। कोरोना संक्रमण ऐसी ही स्थिति की ओर संकेत कर रहा है। साल भर के वक्त में राज्य की महिलाओं ने बढ़- चढ़कर इस संक्रमण की लड़ाई को परास्त किया यह हम सब ने देखा है। झारखंड जैसे प्रदेश में इस महामारी के दौरान महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। प्रत्येक क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं ने कोरोना योद्धा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस अवसर पर कोरोना संक्रमण काल में कोरोना योद्धा रूपी महिलाओं को सम्मानित कर गर्वित हूं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से दो दिन पहले मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित स्टेकहोल्डर्स मीट में राज्य की नई औद्योगिक नीति के बारे में निवेशकों को बताने के दौरान कहा “जो बंडी मैंने पहनी है, उसे हमारे राज्य की महिलाओं ने बनाया है।  मुख्यमंत्री राज्य के दुमका जिला में संचालित मयूराक्षी सिल्क से तैयार बंडी का जिक्र कर रहे थे। यह बंडी उनके दुमका दौरे के दौरान उन्हें वहां की महिलाओं ने भेंट किया था। जब मुख्यमन्त्री श्री सोरेन देश की राजधानी में एक बड़े प्लेटफॉर्म पर राज्य के महिलाओं के हुनर और कौशल की तारीफ करते हैं, तो यह दर्शाता है कि सरकार महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को लेकर प्रतिबद्ध है। कुछ महीने पहले भी मुख्यमंत्री ने मानव तस्करी से रेस्कयू की गईं किशोरियों को मुख्यमन्त्री आवास में सम्मान के साथ आमंत्रित किया था और उनके भविष्य के लेकर उन्हें आश्वस्त किया था।

सरकार, राज्य की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके फलस्वरूप न सिर्फ राज्य की महिलाओं के कौशल विकास पर कार्य किया जा रहा है, अपितु उनके लिए स्वरोजगार के रास्ते भी प्रशस्त किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही फूलो-झानो योजना के माध्यम से राज्य की हजारों महिलाओं को सखी मंडल के जरिए ब्याज रहित ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस ऋण की मदद से राज्य की सैकड़ो महिलाएं आज हड़िया-दारू के उत्पादन एवं बिक्री से बाहर निकलकर खुद का रोजगार चलाकर सम्मानजनक जीवन जी रही हैं। फिर वो चाहे खूंटी की रीना देवी हों, गिरिडीह की अनीता मरांडी, चंद्रकला देवी, लातेहार की ममता देवी, गढ़वा की शोभा देवी, पलामू की फगुनी देवी, राज्य की ऐसी सैकड़ों महिलाएं आज सरकारी योजना का लाभ लेकर सम्मानजनक जीवन यापन कर रही हैं।

राज्य के गरीब, पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की बेटियों को कुशल बनाने के लिए सरकार एवं पैन आईआईटी फाउंडेशन की संयुक्त पहल पर प्रेझा फाउंडेशन का गठन किया गया। प्रेझा फाउंडेशन की देख-रेख में राज्य भर में गुरुकुल एवं नर्सिंग ट्रेनिंग कॉलेजों सहित पाक कला विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में राज्यभर में 06 एएनएम नर्सिंग कॉलेजों का संचालन राज्य के विभिन्न जिलों में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 28 कल्याण गुरुकुल का भी संचालन किया जा रहा है। हाल ही में रांची जिलान्तर्गत चान्हो एएनएम नर्सिंग कॉलेज से पास आउट हुईं 111 महिला प्रशिक्षु नर्सों को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने नियुक्ति पत्र दिया था। केवल झारखण्ड ही नहीं, अपितु देशभर के विभिन्न अस्पतालों से इन्हें नर्स के रूप में नियुक्ति के लिए बुलावा आया। मुख्यमंत्री सोरेन ने नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान कहा था, “आने वाले समय में झारखण्ड राज्य की बेटियां स्वास्थ्य के क्षेत्र में अलग पहचान बनाएंगी। सरकार राज्य की बेटियों के सशक्तिकरण के लिए हमेशा तत्पर है।“

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