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मझदार में मुकेश सहनी की नैया, मंत्री पद छोड़ने की BJP ने कर दी है मांग.

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सिटी पोस्ट लाइव : वीआइपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी एक ऐसे राजनीतिक चक्रव्यूह में फंस गये हैं कि इससे निकलना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है.उनकी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के तीनों विधायक अचानक से बुधवार शाम को भाजपा में शामिल हो गए. ऐसे में नीतीश कैबिनेट में मंत्री और वीआईपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुकेश सहनी का सियासी भविष्‍य हिचकोले खाने लगा है. दूसरी तरफ, भाजपा ने नैतिकता और आत्‍मसम्‍मान की दुहाई देकर मुकेश सहनी पर दबाव बनाने लगी है.

विधानसभा उपचुनाव और MLC चुनाव से ठीक पहले बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ गया है. विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुकेश सहनी का सियासी भविष्‍य अचानक से हिचकोले खाने लगा है. बुधवार शाम को वीआईपी के 4 में से 3 विधायकों ने BJP का दामन थाम लिया. ऐसे में अब मुकेश सहनी के पास अब सिर्फ 1 विधायक बचे हैं. भाजपा में शामिल होने वाले तीनों विधायकों ने पार्टी का विलय भी करने की मांग की है, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अब मुकेश सहनी का क्‍या होगा?

BJP ने वीआईपी चीफ मुकेश सहनी पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. भाजपा ने नैतिकता और आत्‍मसम्‍मान की दुहाई देते हुए मुकेश सहनी को मंत्री पद से इस्‍तीफा देने की मांग की है. अब सबके मन में यही सवाल है कि अब मुकेश सहनी क्‍या करेंगे? उनका अगला कदम क्‍या होगा?भाजपा के प्रवक्‍ता राम सागर सिंह ने मुकेश सहनी पर जोरदार हमला बोला है. BJP प्रवक्‍ता ने कहा, ‘मुकेश सहनी विधायक दल के नेता के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल थे. अब जबकि विधायक ही नहीं बचे तो वह विधायक दल के नेता भी नहीं रहे. अगर मुकेश सहनी में थोड़ी सी भी नैतिकता और आत्‍मसम्‍मान बचा हो तो वह (मंत्री पद से) इस्‍तीफा दे दें. मुकेश सहनी को इस्‍तीफा देकर जनता के बीच जाना चाहिए.’

बिहार विधानसभा चुनाव में VIP ने विधानसभा की 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. मुकेश सहनी को विधानपरिषद के रास्‍ते बिहार विधानमंडल में भेजा गया. इसके बाद मुकेश सहनी को नीतीश कैबिनेट में भी जगह दी गई. उनके विधानपरिषद का कार्यकाल 21 जुलाई में समाप्‍त हो रहा है.विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि वे राज्य सरकार में मंत्री रहेंगे या नहीं, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है. मुकेश सहनी ने कहा कि मुझे रखने या हटाने का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के पास है. मेरा काम संघर्ष करना है और मैं संघर्ष करता रहूंगा. पार्टी के तीनों विधायकों (मिश्री लाल, स्वर्णा सिंह और राजू सिंह) के भाजपा में शामिल होने के बाद सहनी पहली बार प्रत्‍यक्ष तौर पर बयान दिया.

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