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तेजस्वी बबुआ ई कईसन मुद्दा उठा रहा है, हम भी तो इहे काम किये थे.

2017 में राबडी देबी के आवास पर भी लालू यादव के लिए हो गई थी 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती.

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सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव के  हंगामे के बाद, पटना मेडिकल कॉलेज के अस्पताल अधीक्षक ने मुख्यमंत्री की कोरोना पीड़ित भतीजी के इलाज के लिए सीएम आवास पर 6 डॉक्टरों और 3 स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती के आदेश को वापस ले लिया है.लेकिन ये पहलीबार नहीं हुआ है जब मुख्यमंत्री आवास में इस तरह से डॉक्टरों की तैनाती हुई है. जून 2017 में, जब RJD-JDU की सरकार थी और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री थे, ऐसा ही हुआ था. पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल IGIMS के तीन डॉक्टरों और दो नर्सों को 10 सर्कुलर रोड स्थित राबडी देबी के आवास पर 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात किया गया था.शायद तेजस्वी यादव सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाने से पहले इस वाकये को भूल गए होगें.

ये डॉक्टरों की टीम तेजस्वी यादव के बीमार पिता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए तैनात की गई थी.उस समय बीजेपी ने सवाल उठाया था और इसबार तेजस्वी यादव ने उसी तरज पर उसी वाकये को अपना हथियार बनाते हुए मुख्यमंत्री आवास में विशेष कोरोना अस्पताल बनाये जाने का आरोप लगाया.तेजस्वी यादव ने कहा-“डॉक्टरों और वेंटिलेटर के साथ सीएम के लिए एक अस्पताल बनाया गया है. आम आदमी के लिए, कोई डॉक्टर या नर्स नहीं हैं.आम आदमी के लिए एकमात्र अस्पताल एनएमसीएच है, जिसमें जल जमाव है.तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम के सैम्पल की जांच रिपोर्ट दो घंटे में आ गई लेकिन आम आदमी को इसके लिए कई दिनों का इंतज़ार करना पड़ता है.

तेजस्वी यादव के राजनीतिक हंगामे के बाद,  मंगलवार शाम को ही यह सुविधा वापस ले ली गई. पीएमसीएच के अधीक्षक ने एक नया नोटिफिकेशन जारी कर अपने पहले के आदेश को रद्द कर दिया.लेकिन सवाल ये उठता है कि सत्याता में रहते जो काम खुद तेजस्वी यादव ने किया था वहीँ काम आज नीतीश कुमार ने किया है तो हंगामा क्यों हो रहा है.सत्ता के शीर्ष पर बैठा हर प्रभु तो यहीं करता आया है.

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